हरियाणा अंत्योदय विभाग में 25 लाख 25 हजार रुपये की धोखाधड़ी: एनसीआरबी में सिस्टम एनालिस्ट और लिपिक पर बड़ा गबन का आरोप, जांच में बड़ा खुलासा
चंडीगढ़ सेक्टर 17 पुलिस थाना में मामला दर्ज
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 16 मई 2025: हरियाणा अंत्योदय विभाग के नरेंद्र सिंह की शिकायत पर सेक्टर 17, चंडीगढ़ पुलिस थाना में एक महिला सिस्टम एनालिस्ट (जिला अंबाला) और जोगिंदर सिंह, क्लर्क (गांव भरतपुर, जिला करनाल, हरियाणा) के खिलाफ 25 लाख 25 हजार रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। यह मामला जीवनदीप बिल्डिंग, सेक्टर 17/ए, चंडीगढ़ स्थित एससीओ नंबर 20-27 से संबंधित है।
पुलिस ने किन धाराओं में किया मामला दर्ज?
पुलिस के अनुसार, दोनों आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 316(5), 318(4), 336(3), 338, 340(2) और 61(1) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता नरेंद्र सिंह का आरोप है कि महिला सिस्टम एनालिस्ट और क्लर्क ने मिलकर सरकारी राशि का गबन किया है।
कैसे हुआ खुलासा?
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) में कार्यरत सिस्टम एनालिस्ट पूनम गुप्ता और लिपिक जोगिंदर सिंह पर सरकारी राशि के 25.25 लाख रुपये के गबन का आरोप लगा है। प्रारंभिक जांच में दोनों के बीच मिलीभगत का खुलासा हुआ है। एनसीआरबी के आदेश क्रमांक 9553-58/एसजेई/15 मई 2025 के तहत संयुक्त निदेशक अलका यादव की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने जांच शुरू की।
कमेटी में लेखाधिकारी अमित शर्मा, अधीक्षक नरेंद्र सिंह और एसईओ शिशिर शामिल थे। जांच में पाया गया कि पूनम गुप्ता, जो आईटी शाखा में डेटा रखरखाव और सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के तहत पेंशन व एरियर हस्तांतरण का कार्य देखती थीं, ने फर्जी बैंक खातों में राशि हस्तांतरित की। ये खाते उन लाभार्थियों के नाम पर थे, जो पहले ही मृत हो चुके थे।
फर्जी खातों में लाखों की राशि हस्तांतरण
13 मई 2025 को प्रोग्रामर परवेश कुमार ने इस घोटाले की जानकारी अधिकारियों को दी। जांच में पाया गया कि पूनम गुप्ता ने जोगिंदर सिंह के साथ मिलकर यह गबन किया। जोगिंदर सिंह की पत्नी सरोज सिंह के बैंक खातों में दिसंबर 2024 से मई 2025 तक 18,95,000 रुपये और मई 2025 में 6,30,000 रुपये की राशि पीएफएमएस के माध्यम से हस्तांतरित की गई। ये खाते स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, महाराणा प्रताप नगर, बबयाल, अंबाला कैंट में हैं।
लंबे समय से चल रहा था गबन
कमेटी ने संदेह जताया कि यह गबन लंबे समय से चल रहा था। जोगिंदर सिंह के बैंक खाते और उनके घर के पते की जांच से भी गबन की पुष्टि हुई। प्रारंभिक जांच में 25.25 लाख रुपये के गबन का खुलासा हुआ है, लेकिन कमेटी का मानना है कि कुल राशि इससे कहीं अधिक हो सकती है।
कानूनी कार्रवाई और सिफारिशें
पूनम गुप्ता की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं, जबकि जोगिंदर सिंह को निलंबित किया गया है। कमेटी ने दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करने की सिफारिश की है। 14 मई 2025 को अधीक्षक नरेंद्र सिंह द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कमेटी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत जांच की सिफारिश की है। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है और जल्द ही इस मामले में और भी खुलासे होने की संभावना है।
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