ISRO ने रचा इतिहास: 'बाहुबली' रॉकेट की सफल लॉन्चिंग; अंतरिक्ष में भेजा सबसे भारी सैटेलाइट
Babushahi Bureau
श्रीहरिकोटा, 25 दिसंबर: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो (ISRO) ने बुधवार सुबह एक बार फिर दुनिया में अपना लोहा मनवाया है। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भारत का सबसे शक्तिशाली रॉकेट 'LVM3-M6' सुबह 8:55 बजे सफलतापूर्व लॉन्च हो गया।
अपने 'बाहुबली' रॉकेट के जरिए इसरो ने अमेरिकी कंपनी 'एएसटी स्पेसमोबाइल' के 6,100 किलोग्राम वजनी 'ब्लूबर्ड ब्लॉक-2' सैटेलाइट (Satellite) को लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) में स्थापित कर दिया है, जो मोबाइल कनेक्टिविटी की दुनिया में बड़ी क्रांति लाएगा।
सीधे स्पेस से कनेक्ट होगा मोबाइल
यह मिशन इसरो और अमेरिकी कंपनी के बीच हुए एक कॉमर्शियल समझौते का हिस्सा है। इस सैटेलाइट की खासियत यह है कि यह दुनिया भर में सीधे स्मार्टफोन तक हाई-स्पीड सेल्युलर ब्रॉडबैंड सेवा (High-Speed Cellular Broadband) पहुंचाएगा। इसका मतलब है कि अब अंतरिक्ष से सीधे आपके फोन पर 4G और 5G वॉयस कॉल, वीडियो मैसेजिंग और डेटा सेवाएं मिल सकेंगी।
सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि इस सर्विस का लाभ उठाने के लिए यूजर्स को अपना सर्विस प्रोवाइडर (जैसे एयरटेल या जियो) बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
90 सेकंड क्यों टली लॉन्चिंग?
पहले यह लॉन्चिंग सुबह 8:54 बजे तय थी, लेकिन इसे 90 सेकंड की देरी से अंजाम दिया गया। इसरो के मुताबिक, लॉन्च के समय श्रीहरिकोटा के ऊपर से हजारों एक्टिव सैटेलाइट्स (Active Satellites) गुजर रहे थे। किसी अन्य सैटेलाइट से टकराव के खतरे को टालने के लिए लॉन्च का समय डेढ़ मिनट बढ़ाया गया।
इसके बाद 'बाहुबली' रॉकेट ने शान से आसमान का सीना चीरते हुए उड़ान भरी।
अब तक का सबसे भारी पेलोड
इसरो के लिए यह मिशन इसलिए भी खास है क्योंकि 6,100 किलोग्राम वजनी 'ब्लूबर्ड ब्लॉक-2' अब तक का सबसे भारी पेलोड (Heaviest Payload) है, जिसे LVM3 रॉकेट ने ऑर्बिट में पहुंचाया है। इससे पहले इस रॉकेट ने 4,400 किलोग्राम वजनी सैटेलाइट को लॉन्च किया था।
गौरतलब है कि 43.5 मीटर ऊंचा यह तीन चरणों वाला रॉकेट इससे पहले चंद्रयान-2, चंद्रयान-3 और वनवेब जैसे ऐतिहासिक मिशनों को सफल बना चुका है। कंपनी का दावा है कि इस तकनीक से उन इलाकों में भी नेटवर्क पहुंचेगा, जहां टावर नहीं लग सकते।
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