चंडीगढ़ में “ई-ट्रांस 2025” कार्यशाला का समापन, परिवहन क्षेत्र में डिजिटल नवाचारों पर हुई विस्तृत चर्चा
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 17 जून:
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा चंडीगढ़ में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला “ई-ट्रांस 2025” के दूसरे दिन परिवहन क्षेत्र में डिजिटल बदलावों और तकनीकी नवाचारों पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस कार्यशाला में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों – जिनमें हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और चंडीगढ़ शामिल हैं – के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
डिजिटल अनुप्रयोगों की प्रस्तुति और अनुभव साझा
कार्यशाला के दौरान डीडीजी और समूह प्रमुख श्री जॉयदीप शोम ने वाहन, सारथी, ई-चालान, पीयूसीसी और वीएलटीईए जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की उपयोगिता, पारदर्शिता और सेवाओं की पहुंच पर प्रकाश डाला। वाहन पंजीकरण और ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने से जुड़े प्लेटफॉर्म्स के विकास और फेसलेस सेवाओं के माध्यम से नागरिकों को कैसे लाभ मिल रहा है, इस पर विशेष चर्चा की गई।
एआई आधारित निगरानी प्रणाली और ई-डिटेक्शन सिस्टम
एनआईसी ओडिशा के श्री प्रशांत कुमार नायक ने एक एआई-संचालित ई-डिटेक्शन सिस्टम का प्रदर्शन किया, जो टोल प्लाजा के डेटा से वाहनों के दस्तावेजों की वैधता की जांच करता है और नियम उल्लंघन की स्थिति में स्वतः ई-चालान जेनरेट करता है। उन्होंने एक नया एआई-आधारित ‘सेल्फ-प्रॉक्टर्ड लाइसेंस टेस्ट सिस्टम’ भी दिखाया जो परीक्षा में पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।
आईआरएडी और ई-डीएआर के ज़रिए सड़क सुरक्षा पर ध्यान
सड़क दुर्घटनाओं की प्रभावी निगरानी और रिपोर्टिंग के लिए विकसित आईआरएडी (एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस) और ई-डीएआर (ई-विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट) सिस्टम पर भी विचार-विमर्श हुआ। इन प्रणालियों की मदद से अब तक देशभर में लगभग 19 लाख सड़क हादसों का डेटा एकत्र किया गया है।
नई तकनीकों और मोबाइल ऐप्स पर चर्चा
ई-चालान पारिस्थितिकी तंत्र, एआई-आधारित ऑन-द-स्पॉट चालान प्रणाली और नेक्स्ट जेनरेशन एम-परिवहन ऐप की नई सुविधाओं को भी प्रस्तुत किया गया, जिससे नागरिकों को सेवा और प्रवर्तन प्रक्रिया अधिक सुगम बन सके।
बीआई पोर्टल और भाषाई एआई पर नवाचार
कार्यशाला में ई-ट्रांस एनालिटिक्स डिवीजन द्वारा विकसित बिज़नेस इंटेलिजेंस (BI) पोर्टल को भी प्रस्तुत किया गया, जो विभिन्न एजेंसियों को रोड सेफ्टी, पॉल्यूशन कंट्रोल और प्रवर्तन से संबंधित विश्लेषणात्मक डैशबोर्ड प्रदान करता है।
भाषिणी के माध्यम से बहुभाषी एआई क्रांति की झलक
भाषिणी के सीईओ श्री अमिताभ नाग ने 36 भाषाओं में 42 एआई सेवाओं के माध्यम से भारत के डिजिटल परिवेश में भाषा समावेशिता पर जोर देते हुए ‘वॉयस फर्स्ट’ विज़न की प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि भाषिणी अब कई मंत्रालयों, राज्यों, स्टार्टअप्स और शैक्षणिक संस्थानों में प्रभावी भूमिका निभा रहा है।
कार्यशाला का उद्देश्य था कि डिजिटल परिवहन सेवाओं को और अधिक प्रभावशाली, नागरिक-अनुकूल और पारदर्शी बनाया जा सके, और यह आयोजन उस दिशा में एक ठोस कदम साबित हुआ।
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