हरियाणा में जल संसाधन परियोजनाओं की समीक्षा बैठक: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 100 करोड़ से अधिक की योजनाओं की प्रगति जानी, देरी पर सख्त रवैया
जल संरक्षण और सिंचाई दक्षता सुधार को लेकर सरकार प्रतिबद्ध, परियोजनाओं की गुणवत्ता से नहीं होगा समझौता
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 16 जून 2025:
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य में जल संसाधनों को सुदृढ़ करने के लिए चल रही 100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली सिंचाई परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं का उद्देश्य जल संरक्षण बढ़ाना, सिंचाई दक्षता में सुधार और कृषि को स्थिरता देना है।
मुख्यमंत्री ने आज चंडीगढ़ में आयोजित समीक्षा बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि परियोजनाओं की इंजीनियरिंग ड्रॉइंग में देरी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जो अधिकारी अनावश्यक विलंब के लिए जिम्मेदार पाए जाएंगे, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रमुख परियोजनाओं की स्थिति:
? दादूपुर से हमीदा हेड तक समानांतर लाइन चैनल (274.87 करोड़ रुपये):
गैर-मानसून काल में रिसाव रोकने के उद्देश्य से इस परियोजना का 64.5% कार्य पूरा हो चुका है। इसे मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
? डब्ल्यूजेसी ब्रांच नहर (383 करोड़ रुपये):
75.25 किमी लंबी नहर का पुनर्निर्माण कार्य 81% पूरा हो चुका है, जो जून 2025 तक पूर्ण होने की संभावना है।
? पीडी ब्रांच की लाइनिंग व रीमॉडलिंग (197.80 करोड़ रुपये):
इस परियोजना के तहत 145.25 किमी में कंक्रीट लाइनिंग की जा रही है।
? हथिनीकुंड बैराज डाउनस्ट्रीम में डायाफ्राम वॉल (145.99 करोड़ रुपये):
संरचनात्मक सुरक्षा के लिए यह कार्य तेजी से प्रगति पर है।
? गोरखपुर परमाणु संयंत्र जल आपूर्ति परियोजना (442.64 करोड़ रुपये):
आरसीसी बैरल व लिंक चैनल का अधिकांश कार्य पूरा हो चुका है, जिससे संयंत्र को समय पर पानी मिल सकेगा।
मानसून 2025 के लिए विशेष रणनीति:
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंचाई विभाग ने मानसून के दौरान जल आपूर्ति की निरंतरता और ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अल्पकालिक रणनीतियों की रूपरेखा तैयार की है। हथिनीकुंड बैराज पर अस्थायी सुरक्षात्मक कार्य और प्रमुख नहरों में निर्वहन क्षमता बढ़ाने जैसे उपाय शामिल हैं।
उन्होंने कहा, "हरियाणा सरकार इन मेगा प्रोजेक्ट्स के समय पर क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। निरंतर मॉनिटरिंग, विभागीय समन्वय और हितधारकों की भागीदारी के जरिए हम इन चुनौतियों को पार करेंगे।"
बैठक में ये अधिकारी रहे मौजूद:
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सचिव मोहम्मद शाइन, ईआईसी सतबीर कादियान सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे।
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