पीजीआईएमईआर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने को तैयार, तोड़ेगा अपना ही रिकॉर्ड
स्वास्थ्यकर्मी 21 जून को 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य' के संकल्प के साथ एकजुट होंगे
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 16 जून 2025:
देश का प्रतिष्ठित स्वास्थ्य संस्थान पीजीआईएमईआर 21 जून को 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस भव्य रूप से मनाने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस वर्ष कार्यक्रम की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” रखी गई है और इसे ऐतिहासिक बनाने के उद्देश्य से 3,000 से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीकरण करवाया है। संस्थान के निदेशक, फैकल्टी, छात्र, कर्मचारी और उनके परिवार इस दिन कॉमन योग प्रोटोकॉल का सामूहिक प्रदर्शन करेंगे।
इस आयोजन की तैयारियों की निगरानी चिकित्सा अधीक्षक प्रो. विपिन कौशल की अध्यक्षता वाली समिति कर रही है। उन्होंने बताया कि बारिश की स्थिति में कार्यक्रम को जाकिर हुसैन हॉल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
इस अवसर पर निदेशक प्रो. विवेक लाल ने ट्राइसिटी के सभी स्वास्थ्यकर्मियों से इस योग आयोजन में शामिल होने की अपील करते हुए कहा कि “यह आयोजन टीम भावना को सशक्त करता है, जो गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा के लिए अत्यंत आवश्यक है।”
योग केंद्र के प्रभारी प्रोफेसर डॉ. अक्षय आनंद ने कहा कि योग आज केवल शारीरिक क्रिया नहीं, बल्कि एक साक्ष्य-आधारित चिकित्सा साधन बन गया है। पीजीआई के 19 से अधिक विभागों में “वाई-ब्रेक” जैसी पहल को कार्य-जीवन संतुलन के लिए अपनाया गया है।
यह आयोजन पीजीआईएमईआर के योग केंद्र और सीसीआरवाईएन-योग के माध्यम से मन-शरीर हस्तक्षेप के लिए सहयोगात्मक केंद्र द्वारा आयोजित किया जा रहा है। प्रतिभागियों को योग मैट, टी-शर्ट और जलपान भी प्रदान किया जाएगा। इच्छुक प्रतिभागी https://forms.gle/e5QVjBu7zo3GGsAY6 पर पंजीकरण कर सकते हैं।
पिछले साल का रिकॉर्ड टूटने की उम्मीद
2024 में 1,924 स्वास्थ्यकर्मियों की भागीदारी के साथ एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराने वाले पीजीआई को इस वर्ष अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ने की उम्मीद है।
प्री-इवेंट और समर कैंप भी चल रहे
1 जून से ही प्रतिदिन रोगियों के देखभालकर्ताओं के लिए 45 मिनट का योग सत्र आयोजित किया जा रहा है। इसके अलावा बच्चों के लिए समर योग कैंप भी पीजीआई सामुदायिक केंद्र में चल रहा है।
योग और अनुसंधान
पीजीआई में इस समय योग के चिकित्सकीय उपयोग को लेकर 6 एमडी/डीएम थीसिस, 10 पीएचडी प्रोजेक्ट्स और 7 से अधिक बाह्य अनुदान प्राप्त परियोजनाएं चल रही हैं। उद्देश्य है – योग के प्रभावों को वैज्ञानिक आधार पर समझना और साक्ष्य आधारित योग प्रोटोकॉल विकसित करना।
पीजीआईएमईआर के इस प्रयास से स्पष्ट है कि संस्थान योग को स्वास्थ्य सेवा, अनुसंधान और पुनर्वास का अभिन्न हिस्सा मानते हुए आत्मनिर्भर भारत और स्वस्थ समाज की दिशा में सशक्त कदम उठा रहा है।
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