डिजिटल युग में परिवहन क्रांति की ओर हरियाणा, तकनीक से पारदर्शिता और सुरक्षा पर जोर – अनिल विज
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 16 जून।
हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज ने कहा कि यदि हम तकनीक के साथ कदम नहीं मिलाएंगे तो दुनिया में पिछड़ जाएंगे। चंडीगढ़ में आयोजित दो दिवसीय क्षेत्रीय परिवहन कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार परिवहन क्षेत्र में डिजिटलीकरण व पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए कटिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि ई-ट्रांसपोर्ट मिशन मोड परियोजना के तहत हरियाणा में आधार प्रमाणीकरण, वाहन स्क्रैपिंग, ऑटोमेटेड टेस्टिंग, ड्राइविंग ट्रेनिंग, ई-दुर्घटना रिपोर्ट, संजया पोर्टल और कैशलेस उपचार योजना जैसी सुविधाएं शुरू की गई हैं।
फोर-ई मॉडल पर जोर
विज ने कहा कि राज्य सरकार सड़क हादसों में कमी लाने के लिए शिक्षा (Education), प्रवर्तन (Enforcement), इंजीनियरिंग (Engineering) और पर्यावरण एवं आपातकाल (Environment & Emergency)—इन चारों पहलुओं पर केंद्रित रणनीति पर काम कर रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 से 2025 तक हरियाणा में 23,000 से ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जिससे यह एक चिंताजनक विषय बन चुका है।
2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र की श्रेणी में लाया जाए, और इसके लिए तकनीक व डेटा का उपयोग अनिवार्य हो गया है। विज ने कहा कि जैसे युद्ध तकनीक के आधार पर लड़े जा रहे हैं, वैसे ही परिवहन व्यवस्था को भी तकनीकी रूप से सशक्त बनाना जरूरी है ताकि भ्रष्टाचार को खत्म किया जा सके।
हर जिले में ड्राइविंग प्रशिक्षण संस्थान होंगे
परिवहन मंत्री ने घोषणा की कि हरियाणा के हर जिले में ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (IDTR) खोले जाएंगे। फिलहाल रोहतक, बहादुरगढ़, करनाल और कैथल में IDTR कार्यरत हैं, और भिवानी में नया केंद्र जल्द शुरू होने वाला है।
डाटा आधारित पोर्टल होंगे मददगार
विज ने ई-विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट पोर्टल, संजया पोर्टल और कैशलेस उपचार योजना की भी सराहना की, जो दुर्घटना की स्थिति में डेटा संग्रहण, विश्लेषण, जोखिम क्षेत्रों की पहचान और इलाज में वित्तीय मदद के लिए बेहद उपयोगी हैं।
सचिव वी. उमाशंकर ने भी की तकनीक की सराहना
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव वी. उमाशंकर ने वर्चुअल माध्यम से कहा कि 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में 50% तक कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि ट्रेनिंग सेंटर खोलने के लिए मिलने वाली केंद्रीय सहायता का पूरा लाभ लें।
वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद
कार्यशाला में हरियाणा परिवहन विभाग के सचिव टी.एल. सत्यप्रकाश, आयुक्त अतुल कुमार, एडीजी ट्रैफिक एच.एस. दून, केंद्र सरकार, एनआईसी और 12 राज्यों के परिवहन विभागों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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