हरियाणा सरकार की सख्ती: स्कूल परिसरों के ऊपर से हटेंगी हाईटेंशन बिजली लाइनें
मानवाधिकार आयोग के निर्देशों के तहत एक सप्ताह में मांगी गई रिपोर्ट, दो महीने में कार्यवाही पूरी करने का लक्ष्य
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 17 जून 2025:
हरियाणा में स्कूल परिसरों और संवेदनशील संस्थानों के ऊपर से गुजरने वाली खतरनाक हाईटेंशन (HT) ओवरहेड बिजली लाइनों को जल्द ही हटाया जाएगा। इस दिशा में ऊर्जा विभाग के सचिव एवं दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) के प्रबंध निदेशक ए. श्रीनिवास ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
उन्होंने बताया कि यह फैसला हरियाणा मानवाधिकार आयोग (HHRC) के निर्देशों के अनुपालन में लिया गया है। आयोग ने हाल ही में ऐसे स्कूल परिसरों में जहां HT लाइनें बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरा हैं, उन्हें तत्काल हटाने की आवश्यकता जताई थी। आयोग ने बिजली निगमों को दो महीने के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
? मुख्य निर्देश और कार्य योजना:
हरियाणा सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (ऊर्जा) एवं पावर यूटिलिटी के चेयरमैन ए. के. सिंह ने सभी निगमों – हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम (HVPNL), उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (UHBVN) और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) को निर्देश दिए हैं कि स्कूल परिसरों और अन्य संवेदनशील संस्थानों के ऊपर से गुजरने वाली ओवरहेड HT लाइनों को हटाया जाए।
इस कार्य को मौजूदा योजना में शामिल किया जाएगा जिसके तहत पहले ही बस्तियों और संवेदनशील क्षेत्रों से 11 केवी और 33 केवी की लाइनें हटाने का काम किया जा रहा है। इस योजना के लिए ₹151.51 करोड़ का बजटीय समर्थन पहले से स्वीकृत है।
? रिपोर्ट और निगरानी व्यवस्था:
DHBVN के एमडी ने निर्देश दिए हैं कि एक सप्ताह के भीतर एक व्यापक रिपोर्ट तैयार की जाए जिसमें यह बताया जाए कि किन-किन स्कूलों और संस्थानों के ऊपर HT लाइनें हैं, और उन्हें हटाने में क्या कदम उठाए गए हैं।
संबंधित अधीक्षण अभियंता (SE) और अन्य अधिकारी इस कार्य की नियमित समीक्षा करेंगे ताकि कार्रवाई समय पर पूरी हो सके।
? बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि:
यह निर्णय स्कूलgoing बच्चों और शिक्षण संस्थानों में कार्यरत स्टाफ की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि सार्वजनिक सुरक्षा को लेकर सरकार कोई समझौता नहीं करेगी और आयोग के निर्देशों के अनुसार सभी लाइनें चरणबद्ध तरीके से हटाई जाएंगी।
निष्कर्ष:
हरियाणा सरकार का यह कदम राज्य में स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण और सराहनीय पहल है। यदि समयबद्ध तरीके से कार्य हुआ तो यह नीति अन्य राज्यों के लिए भी मॉडल बन सकती है।
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