Putin आज भारत आएंगे! PM Modi के साथ करेंगे 'डिनर', 2030 तक का बनेगा 'मास्टरप्लान
Babushahi Bureau
नई दिल्ली, 4 दिसंबर, 2025 : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) आज (गुरुवार) भारत के दो दिवसीय दौरे पर नई दिल्ली पहुंच रहे हैं। इस यात्रा के दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ 23वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और रक्षा, व्यापार तथा परमाणु ऊर्जा जैसे अहम क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे।
बता दे कि पुतिन के पहुंचने के कुछ ही घंटों बाद पीएम मोदी उनके सम्मान में एक निजी भोज (Private Dinner) का आयोजन करेंगे, जहां दोनों नेताओं के बीच अनौपचारिक लेकिन महत्वपूर्ण चर्चा होगी। पुतिन की यात्रा से पहले भारतीय विदेश मंत्रालय और रूसी राष्ट्रपति भवन की तरफ से बताया गया है कि इस बार दोनों देशों के लिए आर्थिक व कारोबारी मुद्दे काफी अहम रहेंगे। इस बात का संकेत इससे भी मिलता है कि राष्ट्रपति पुतिन के कैबिनेट में आर्थिक विभागों के सभी मंत्रीगण उनके साथ नई दिल्ली आ रहे हैं।
पुतिन का बड़ा कैबिनेट भी भारत आ रहा है
इनमें आर्थिक विकास मंत्री मैक्सिम रेशेतनिकोव, व्यापार व उद्योग उप मंत्री एलेक्सी ग्रूजदेव, कृषि मंत्री ओक्साना लुट, डिजिटल संचार मंत्री सर्गेई कुशचेव होंगे। इसके अलावा स्वास्थय मंत्री मिखाइल मुराशको, विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव व रक्षा मंत्री आंद्रे बेलुसोव भी आ रहे हैं। यह हाल के वर्षों में रूसी सरकार का विदेश दौरे पर जाने वाला सबसे बड़ा दल है।
2030 तक का आर्थिक रोडमैप होगा तैयार
यात्रा का एक बड़ा मकसद दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को बाहरी दबावों से बचाना है। राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी के बीच 2030 तक अर्थव्यवस्था में रणनीतिक सहयोग के विकास के लिए एक विशेष कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। अमेरिका से लगातार बिगड़ते रिश्तों के बीच भारत, रूस के साथ अपने पुराने संबंधों को और मजबूत करने पर ध्यान दे रहा है।
S-500 और सुखोई पर होगी बात
इस दौरे पर रक्षा क्षेत्र में भी बड़े फैसले होने की उम्मीद है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) अपने रूसी समकक्ष आंद्रे बेलौसोव (Andrei Belousov) के साथ बैठक करेंगे, जो पुतिन के साथ ही आ रहे हैं।
इस दौरान एस-400 (S-400) मिसाइल प्रणाली की खरीद, सुखोई-30 (Sukhoi-30) विमानों के अपग्रेडेशन और ब्रह्मोस (BrahMos) मिसाइल के उन्नत संस्करण पर चर्चा होगी। सूत्रों का कहना है कि दोनों देशों के बीच एस-500 (S-500) एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर भी बातचीत हो सकती है।
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