विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर पीजीआईएमईआर के कार्डियोलॉजी विभाग का संदेश: तंबाकू छोड़ें, दिल बचाएं
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 30 मई 2025
विश्व तंबाकू निषेध दिवस की पूर्व संध्या पर पीजीआईएमईआर के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर राजेश विजयवर्गीय ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने कहा कि तंबाकू का सेवन केवल एक व्यक्तिगत आदत नहीं, बल्कि एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट है, जो विशेष रूप से दिल की बीमारियों के जोखिम को कई गुना बढ़ा देता है। उन्होंने हृदय रोग विशेषज्ञों की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि मरीजों को तंबाकू छोड़ने के लिए प्रेरित करना और इसके घातक प्रभावों के प्रति जागरूक करना हमारी जिम्मेदारी है।
डॉ. विजयवर्गीय ने कहा, "हर सिगरेट आपके दिल पर वार है।" तंबाकू का उपयोग, खासकर धूम्रपान, दिल की धमनियों को संकीर्ण करता है, रक्तचाप को बढ़ाता है और हार्ट अटैक, स्ट्रोक, दिल की विफलता और अचानक हृदय मृत्यु का खतरा कई गुना बढ़ा देता है।
उन्होंने बताया कि भारत में हर साल तंबाकू के सेवन से एक मिलियन से अधिक लोग मरते हैं, जिनमें से एक बड़ी संख्या दिल की बीमारियों के कारण होती है। भारत में 42% पुरुष और 14% महिलाएं किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। उन्होंने इस पर चिंता जताई कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में तंबाकू की आदतों में बड़ा अंतर है और ग्रामीण इलाकों में तंबाकू का उपयोग ज्यादा है।
डॉ. विजयवर्गीय ने ई-सिगरेट, वेपिंग और हुक्का जैसी तथाकथित "सुरक्षित" विकल्पों के मिथक पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ये भी दिल के लिए उतने ही खतरनाक हैं, और युवाओं में इनका बढ़ता प्रचलन एक चिंताजनक संकेत है।
पीजीआईएमईआर के कार्डियोलॉजी विभाग ने तंबाकू छोड़ने के लिए अभियान शुरू किया है, जिसके तहत मरीजों को न केवल दवाइयों के जरिए, बल्कि परामर्श, काउंसलिंग और जागरूकता से भी मदद दी जाएगी।
डॉ. विजयवर्गीय ने सभी से अपील की कि वे 31 मई 2025 को विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर सिर्फ एक दिन के लिए ही नहीं, बल्कि हमेशा के लिए तंबाकू से दूरी बनाने का संकल्प लें। उन्होंने कहा, "दिल की सेहत तंबाकू छोड़ने से ही सुरक्षित रह सकती है। तंबाकू की एक भी बत्ती आपके दिल के लिए खतरा है।"
महत्वपूर्ण तथ्य:
हर साल लगभग 10 लाख भारतीय तंबाकू के कारण दम तोड़ते हैं।
धूम्रपान करने वालों में दिल की बीमारियों का खतरा 2-4 गुना ज्यादा होता है।
धूम्रपान छोड़ने के बाद दिल की बीमारी का खतरा धीरे-धीरे कम होता है, और 1 साल में ही दिल के दौरे का खतरा 50% तक कम हो सकता है।
निष्क्रिय धूम्रपान (पासिव स्मोकिंग) से भी दिल की बीमारियों का खतरा 25-30% तक बढ़ जाता है।
डब्लूओ थीम 2025: "अपील का पर्दाफाश: तंबाकू और निकोटीन उत्पादों पर उद्योग की रणनीति को उजागर करना" - तंबाकू उद्योग की भ्रामक मार्केटिंग पर रोक लगाना, विशेष रूप से युवाओं को लक्ष्य बनाने वाली रणनीतियों के खिलाफ वैश्विक जागरूकता बढ़ाना।
डॉ. विजयवर्गीय का संदेश:
"तंबाकू छोड़ो, दिल बचाओ। तंबाकू उद्योग की चाल को समझो और अपने दिल की सेहत का रखवाला खुद बनो।"
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