Himachal Pensioners News : बेतुकी बयान बाजी से बाज आएं समानांतर संगठनों के नेता : गुलशन
बाबूशाही ब्यूरो
कुल्लू, 08 जून 2025 :हिमाचल प्रदेश पेंशनभोगी संघ ने कुछ समानांतर संगठनों के तथाकथित उम्रदराज़ स्वयंभू पेंशनर नेताओं को बयानबाजी से बाज आने की नसीहत दी है।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष एलआर गुलशन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेंद्र कुमार, महासचिव मिलाप चंद, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं भुंतर खण्ड इकाई के महासचिव खुशाल चंद नेगी, प्रदेश उपाध्यक्ष (महिला विंग) लीला डोगरा, संगठन सचिव मनोरमा डोगरा, कोषाध्यक्ष तेज सिंह ठाकुर, वरिष्ठ मुख्य सलाहकार एमआर संगरोली, मुख्य सलाहकार सीताराम ठाकुर, जयकृष्ण ठाकुर, जिला कुल्लू पेंशनभोगी संघ के अध्यक्ष दयाल सिंह ठाकुर, महासचिव किरण चंद शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं भुंतर खण्ड इकाई के अध्यक्ष ओंकार दत्त शर्मा, उपाध्यक्ष भागचंद ठाकुर, नरेंद्र कुमार, सब्जा चंद, रवींद्र भार्गव, कमलेश गुप्ता, लीला वर्मा, मनोरमा देवी, कुल्लू शहरी इकाई के अध्यक्ष तेजसिंह ठाकुर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष खेम सिंह हांडा, सैंज खण्ड इकाई के अध्यक्ष नारायण सिंह चौहान, आनी इकाई के संयोजक मंगल दास इत्यादि अनेक पेंशनर नेताओं ने एक संयुक्त बयान में कहा कि कुछ तथाकथित उम्रदराज़ स्वयंभू पेंशनर नेता 70 साल से ऊपर के पेंशनरों के आर्थिक लाभ देने की प्रदेश सरकार से एकतरफ़ा मांग कर रहे हैं जो कि उनका 59 से 70 साल के पेंशनरों को बांटने और उनके साथ पक्षपातपूर्ण रवैये का कुत्सित प्रयास है।
हिमाचल प्रदेश पेंशनभोगी संघ के प्रदेशाध्यक्ष एलआर गुलशन ने कहा कि हाल ही में दोफ़ाड़ हुये आत्माराम शर्मा के नेतृत्व वाले पेंशनर वैलफेयर एंड सोशल वेलफेयर एसोसिएशन गुट से अलग होकर रातोंरात अप्रत्याशित रूप से अस्तित्व में आये एक धड़े के स्वयंभू पेंशनर नेताओं द्वारा वर्चुअल बैठक में राज्य सरकार से केवल 70 वर्ष से ऊपर के ही पेंशनरों को संशोधित वेतनमान के एरियर और अन्य वित्तीय देनदारियों के एकमुश्त भुगतान की मांग करना 70 साल से कम आयुवर्ग के पेंशनरों के साथ सरासर अन्याय, भेदभाव और पक्षपातपूर्ण व्यवहार जाहिर होता है। उन्होंने इन तथाकथित स्वयंभू पेंशनर नेताओं से पूछा कि क्या 70 साल से कम उम्र के पेंशनरों को आर्थिक तंगी नहीं है? क्या 59 से 70 साल आयुवर्ग के पेंशनरों को अपनी बीमारी के इलाज़ हेतु चुकाये गये लंबित मेडिकल बिलों की अदायगी सहित एक जनवरी 2016 से 31 दिसम्बर 2021 तक संशोधित वेतनमान के एरियर, रिवाइज़्ड ग्रेच्युटी, लीव इनकेशमेंट, रिवाइज़्ड पेंशन कम्युटेशन के एरियर और क्रमशः 4,4 व 3 प्रतिशत किस्त सहित कुल 11 फ़ीसदी डीए एरियर के एकमुश्त भुगतान की आवश्यकता नहीं है?
ऐसे आधारहीन स्वयंभू पेंशनर नेताओं की बेतुकी बयानबाजी से प्रदेश सरकार और अफ़सरशाही को पेंशनरों और कर्मचारियों के वित्तीय मामलों पर निरंकुश, मनमर्जी और मनमाने ढंग से निर्णय लेने का बल मिलता है।
एलआर गुलशन ने समानांतर संगठनों के इन उम्रदराज़ स्वयंभू पेंशनर नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जो लोग इमोशनल कार्ड खेलते हुए चुनावों में अपनी बढ़ती उम्र की भीख मांग कर पेंशनर संगठनों में काबिज़ हुये हैं। वे लोग पेंशनरों की जायज़ समस्याओं और उनके दुःख तकलीफ़ों को क्या समझेंगे? उन्होंने सभी समानांतर पेंशनर संगठनों के तथाकथित स्वयंभू नेताओं को चुनौती देते हुये कहा कि अगर उनमें दम है तो एकमंच पर आकर मेरे साथ प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव लड़कर देख लें। उन्हें पेंशनरों में अपने जनाधार का पता चल जाएगा। (SBP)
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →