ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवादी ढांचे के खात्मे के लिए भारतीय सेना का बड़ा कदम
बाबूशाही ब्यूरो
नई दिल्ली, 12 मई। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य आतंकवादी ठिकानों और उनके ढांचे को खत्म करना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह अभियान पाकिस्तान की सेना के खिलाफ नहीं, बल्कि सीमापार से चल रही आतंकी गतिविधियों के खिलाफ है।
प्रेस वार्ता के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा, "पिछले कुछ वर्षों में आतंकवादी गतिविधियों का स्वरूप बदल गया है। निर्दोष नागरिकों पर हमले किए जा रहे थे... 'पहलगाम तक पाप का यह घड़ा भर चुका था'।"
क्रिकेट और एशेज का जिक्र
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने अपने वक्तव्य में क्रिकेट का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "हमारे एयरफील्ड और लॉजिस्टिक्स को निशाना बनाना बहुत कठिन है। हाल ही में विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया है, जो मेरे पसंदीदा खिलाड़ियों में से एक हैं।"
उन्होंने 1970 के दशक के एशेज सीरीज का जिक्र करते हुए कहा कि तब ऑस्ट्रेलिया के दो गेंदबाजों ने इंग्लैंड की बल्लेबाजी को तहस-नहस कर दिया था। ऑस्ट्रेलिया में उस समय एक कहावत प्रचलित थी: "राख से राख, धूल से धूल, अगर थॉमो तुम्हें नहीं पकड़ता, तो लिली तुम्हें पकड़ लेगा।"
एयर मार्शल एके भारती का बयान
एयर मार्शल एके भारती ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय वायु सेना ने सीमा पार से बढ़ते तनाव के बीच भारतीय हवाई क्षेत्र की रक्षा की और दुश्मन के विमानों को सफलतापूर्वक रोका और नष्ट किया।
वाइस एडमिरल एएन प्रमोद की प्रतिक्रिया
वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने बताया कि "प्रभावी ढंग से कई सेंसर और इनपुट का उपयोग करते हुए, हमने खतरों को कम करने या बेअसर करने के लिए निरंतर निगरानी की। यह सब एक व्यापक और सशक्त एयर डिफेंस मैकेनिज्म की छत्रछाया में किया गया।"
उन्होंने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर एक व्यापक रणनीतिक दृष्टिकोण का हिस्सा है, जिसमें थल, वायु और नौसेना की एकीकृत शक्तियों का तालमेल है।
आने वाले समय में, ऑपरेशन सिंदूर से आतंकवादी गतिविधियों में बड़ी गिरावट की उम्मीद की जा रही है। सेना ने स्पष्ट किया है कि देश की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
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