संजय साहनी: 52 बार रक्तदान कर पेश की मिसाल
जन सेवा के साथ समाजसेवा की प्रेरणा
राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने की संजय साहनी की सराहना
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 12 मई. चंडीगढ़ प्रशासन के पब्लिक हेल्थ डिवीजन नंबर 8 में कार्यरत कार्यकारी अभियंता संजय साहनी अपने सरकारी दायित्वों के साथ-साथ समाजसेवा में भी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। साहनी अब तक 52 बार रक्तदान कर चुके हैं, जो कि एक मिसाल है। उनकी इस निस्वार्थ सेवा को लेकर समाज में भी उनकी सराहना की जा रही है। संजय साहनी पेयजल की सेवा के साथ-साथ खून दान सेवा में भी अग्रणीय भूमिका निभा रहे हैं।
सेक्टर 16 क्रिकेट स्टेडियम में रक्तदान शिविर का आयोजन
सोमवार को क्रिकेट एसोसिएशन (यूटीसीए) द्वारा चंडीगढ़ के सेक्टर 16 क्रिकेट स्टेडियम में एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर पीजीआईएमईआर के ब्लड बैंक और जीएमसीएच-16 के रक्त आधान विभाग के सहयोग से सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस शिविर में बड़ी संख्या में लोगों ने रक्तदान किया।
राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने की विशेष सराहना
पंजाब के राज्यपाल और यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने रक्तदाताओं से मुलाकात की और उनकी निस्वार्थ भावना की सराहना की। कटारिया ने कहा, "रक्तदान एक ऐसा महादान है, जिससे कई ज़िंदगियाँ बचाई जा सकती हैं। ऐसे प्रयासों को समाज में बढ़ावा मिलना चाहिए।"
इसके अलावा, कटारिया ने विशेष रूप से संजय साहनी के संकल्प की सराहना करते हुए कहा कि "52 बार रक्तदान करना एक महान कार्य है। यह समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।"
52वीं बार रक्तदान कर बने प्रेरणा
संजय साहनी ने शिविर में अपना 52वां रक्तदान किया। उन्होंने कहा, "आज 52वीं बार रक्तदान किया है। इससे आत्मिक संतुष्टि मिलती है और यह जानते हुए अच्छा लगता है कि मेरा रक्त किसी ज़रूरतमंद की जान बचा सकता है।" साहनी की यह निस्वार्थ भावना युवाओं के लिए भी एक प्रेरणा बन रही है।
समाजसेवा में साहनी का योगदान
संजय साहनी न सिर्फ अपने प्रशासनिक कार्यों में कुशलता से सेवा दे रहे हैं, बल्कि समाजसेवा के क्षेत्र में भी उनका योगदान उल्लेखनीय है। उनका मानना है कि रक्तदान सबसे बड़ा दान है, और इसके प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना आवश्यक है।
रक्तदान शिविर के दौरान कई युवाओं ने भी रक्तदान किया और समाज में इस तरह के प्रयासों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। आयोजकों ने बताया कि इस शिविर के माध्यम से एकत्रित रक्त पीजीआईएमईआर और जीएमसीएच-16 के मरीजों की ज़रूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगा।
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