चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी सीमा तनाव के बीच सशस्त्र बलों के परिवारों को आर्म्ड फोर्सेज एजुकेशनल वेलफेयर स्कीम और विक्रम बत्रा स्कॉलरशिप के रूप में दे रही वित्तीय सहायता
हरजिंदर सिंह भट्टी
पिछले 12 वर्षों में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने रक्षा कर्मियों के 5,723 बच्चों को 5.70 करोड़ रुपये से अधिक की छात्रवृत्ति प्रदान की
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी भावी सैनिकों को कर रही प्रशिक्षित, 43 छात्रों को एनसीसी विंग के माध्यम से अधिकारी के रूप में मिला कमीशन
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की 2 स्कॉलरशिप स्कीम्स सशस्त्र बलों और उनके परिवारों के बलिदान और सेवा के लिए एक श्रद्धांजलि हैं: सतनाम सिंह संधू,राज्य सभा सांसद और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर
चंडीगढ़: पाकिस्तान के साथ चल रहे सीमा तनाव के बीच, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने अपनी दो समर्पित स्कॉलरशिप योजनाओं, 'आर्म्ड फोर्सेज एजुकेशनल वेलफेयर स्कीम (AFEWS)' और 'शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा स्कॉलरशिप' के माध्यम से भारत के बहादुर सशस्त्र बलों के परिवारों—बच्चों और जीवनसाथियों—के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करते हुए उनकी शैक्षणिक आकांक्षाओं को समर्थन देने की प्रतिबद्धता को जारी रखा है।
पिछले 12 वर्षों में, भारत के नंबर 1 निजी यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने 5,723 छात्रों को डिफेन्स छात्रवृत्ति प्रदान की है, जिसकी वित्तीय सहायता 5.70 करोड़ रुपये से अधिक है - जो राष्ट्र की सेवा करने वालों के परिवारों के प्रति इसकी स्थायी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। रक्षा कर्मियों के बच्चे और परिजन चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी पोर्टल (https://www.cuchd.in/scholarship/) के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करके शैक्षणिक वर्ष 2025-2026 में आर्म्ड फोर्सेज एजुकेशनल वेलफेयर स्कीम (AFEWS) तथा शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा स्कॉलरशिप का लाभ उठा सकते हैं।
इस वित्तीय सहायता के रूप में, यूनिवर्सिटी भावी सैनिकों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, इसके एनसीसी विंग ने 43 छात्रों को भारतीय सशस्त्र बलों में अधिकारियों के रूप में प्रशिक्षित और सफलतापूर्वक नियुक्त किया है, जो देश के प्रति अपनी सेवाएँ प्रदान कर रहे है। यह युवाओं में शिक्षा, अनुशासन , देशभक्ति, नेतृत्व और राष्ट्रीय सेवा को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका का प्रमाण है।
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की आर्म्ड फोर्सेज एजुकेशनल वेलफेयर स्कीम (AFEWS) के तहत, सभी पाठ्यक्रमों में 5% सीटें रक्षा शहीदों के बच्चों और उनके जीवनसाथियों और उनके तत्काल आश्रितों के लिए आरक्षित हैं। युद्ध विधवाओं, हताहतों और विकलांग सैनिकों के परिवारों को 15% और सेवारत व सेवानिवृत्त रक्षा एवं पैरामिलिट्री कर्मियों के परिवारों को 10% तक की फीस छूट मिलती है। अध्ययन अवकाश पर सेवारत अधिकारियों के लिए 1% सीटें आरक्षित हैं, जिनके लिए 20% सेमेस्टर फीस रियायत भी उपलब्ध है।
शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा स्कॉलरशिप कारगिल नायकों को सम्मानित करते हुए कारगिल युद्ध के नायकों के परिवारों को विशेष सहायता प्रदान करती है। इसमें तीन वर्षों में 20 सीटें आरक्षित की गई हैं। इसमें कारगिल शहीदों के बच्चों को 15% और घायल सैनिकों के बच्चों को 10% फीस में छूट दी जाती है। यह छात्रवृत्ति पूरे कोर्स की अवधि तक लागू होती है और इसके तहत कुल 25 लाख रुपये तक की सहायता प्रदान की जाती है।
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के एनसीसी विंग ने 43 छात्रों को प्रशिक्षित किया है और उन्हें भारतीय सशस्त्र बलों में अधिकारी के रूप में सफलतापूर्वक कमीशन दिया है। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के एनसीसी विंग में प्रशिक्षित कुल 520 छात्रों में से 26 छात्र भारतीय सेना में, 13 छात्रों को भारतीय नौसेना में और 4 छात्रों को भारतीय वायु सेना में अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
इन पहलों के साथ-साथ, यूनिवर्सिटी भावी सैन्य अधिकारियों को तैयार करने में भी अग्रणी है। एनसीसी विंग ने अब तक 520 कैडेट्स को प्रशिक्षित किया है, जिनमें से 43 अधिकारी भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना में सेवाएं दे रहे हैं—सेना में 26, नौसेना में 13 और वायुसेना में 4 है। 2013 में स्थापित यह विंग अब तक 379 पुरुष और 141 महिला कैडेट्स को प्रशिक्षण दे चुका है। एनसीसी में 8% की प्रभावशाली चयन दर के साथ चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी देश में सर्वाधिक एनसीसी प्रशिक्षित छात्रों वाला संस्थान बन चुकी है। प्रत्येक वर्ष एनसीसी में सेना के लिए 54, वायुसेना और नौसेना के लिए 18-18 सीटें आरक्षित रहती हैं। सेना, नौसेना और वायु सेना में सेवारत चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के छात्र अपनी सफलता का श्रेय एनसीसी विंग के कठोर प्रशिक्षण शिविरों, अनुशासित दिनचर्या और प्रेरक मार्गदर्शन को देते हैं।
राज्य सभा सांसद और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू ने कहा, "चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में, हमने हमेशा यह माना है कि एक राष्ट्र की ताकत न केवल उसके सशस्त्र बलों में निहित है, बल्कि उसमें है कि हम सैनिकों और उनके परिवारों का सम्मान और समर्थन कैसे करते हैं।
उन्होंने कहा, ""कर्तव्य की इसी भावना के साथ यूनिवर्सिटी ने आर्म्ड फोर्सेज एजुकेशनल वेलफेयर स्कीम (AFEWS) और शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा स्कॉलरशिप को लागू किया है। ये पहल, जो वर्तमान भारत-पाकिस्तान तनाव से बहुत पहले से लागू हैं, अब रक्षा कर्मियों और उनके परिवारों द्वारा किए गए बलिदान के प्रति हमारी गहरी कृतज्ञता और सम्मान हैं। ये योजनाएं हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हमारे सैन्य नायकों के बच्चों और जीवनसाथियों को वित्तीय बाधाओं के बोझ के बिना गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सके। एक यूनिवर्सिटी के रूप में, हम दृढ़ता से मानते हैं कि हमारे देश का भविष्य हमारे युवाओं के हाथों में है। यह हमारा कर्तव्य है कि हम उन लोगों का समर्थन करें जिन्होंने इतना बलिदान दिया है। हमारी स्कॉलरशिप योजनाएं और एनसीसी प्रशिक्षण कार्यक्रम हमारी सीमाओं की रक्षा करने वाले बहादुर नायकों के परिवारों को 'धन्यवाद' कहने का हमारा तरीका है। हम हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे,"
सतनाम सिंह संधू ने आगे कहा, "ये योजनाएं केवल सहायता नहीं बल्कि हमारे बहादुर सैनिकों के प्रति कृतज्ञता है। सैनिकों के परिजनों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर,चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी का लक्ष्य नई पीढ़ी को नेतृत्व करने, सेवा करने और बलिदान की विरासत का सम्मान करने के साधनों से सशक्त बनाना है। ये योजनाएं शांति और संघर्ष—दोनों समयों में भारतीय सेना के साथ यूनिवर्सिटी की अटूट एकजुटता का प्रतीक हैं।“
केके
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