साहित्य जगत को बड़ा झटका: पंजाबी के क्रांतिकारी शायर तजम्मल कलीम का निधन
पंजाबी साहित्य और शायरी की दुनिया से एक बेहद दुखद ख़बर सामने आई है। मातृभाषा पंजाबी के लाडले सपूत, और मशहूर क्रांतिकारी शायर तजम्मल कलीम ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।
तजम्मल कलीम सिर्फ शायर नहीं, बल्कि एक आवाज़ थे – ज़ुल्म के खिलाफ, अन्याय के खिलाफ और इंसानियत के हक़ में। उनकी शायरी में समाज का आईना झलकता था, और हर पंक्ति एक तहरीक बनकर उभरती थी। उनकी चर्चित रचना "कमाल करते हो बादशाहो" आज भी जन-जन की जुबां पर है:
मरने से डरते हो ओ बादशाहो,
कमाल करते हो ओ बादशाहो...
साहित्यिक दुनिया में शोक की लहर
उनके निधन की खबर से पंजाबी साहित्य-जगत, शायरी प्रेमियों और उनके चाहने वालों में गहरा शोक है।
तजम्मल कलीम: एक पहचान, एक विचारधारा
पंजाबी भाषा के प्रति उनका समर्पण, और शायरी के ज़रिए समाज में बदलाव की उनकी कोशिशें आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेंगी। उनकी रचनाएं, उनके विचार और उनका तेवर – सब कुछ अब इतिहास का हिस्सा बन गया है, लेकिन उनका असर और यादें हमेशा ज़िंदा रहेंगी।
MA
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →