पंजाब के पानी की चोरी करने के भाजपा के घटिया मंसूबे पूरे नहीं होने देंगे - मुख्यमंत्री ने संकल्प दोहराया
हर पंजाबी बी.बी.एम.बी. द्वारा गैर-कानूनी ढंग से हस्तक्षेप करने का कड़ा विरोध करेगा: मुख्यमंत्री मान
अमन-कानून की किसी भी स्थिति के लिए भाजपा और बी.बी.एम.बी. पूरी तरह जिम्मेदार होंगे - मुख्यमंत्री
नंगल (रूपनगर), 11 मई-
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बी.बी.एम.बी.) के माध्यम से राज्य के पानी को छीनकर पंजाब के साथ सौतेली माँ जैसा व्यवहार करने के किसी भी प्रयास को विफल करने का संकल्प लिया।
मुख्यमंत्री आज नंगल में बी.बी.एम.बी. द्वारा पानी छोड़ने के खिलाफ हुए प्रदर्शन में पहुँचे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस और अन्य भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि एक तरफ पंजाब अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर दुश्मन का बहादुरी से सामना कर रहा है और दूसरी तरफ केंद्र की भाजपा सरकार राज्य को उसके पानी से वंचित करने के लिए घटिया खेल खेल रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब पूरी तरह चौकस है क्योंकि पंजाब पुलिस और राज्य के निवासी पाकिस्तान के साथ लगती 532 किलोमीटर की सीमा की रक्षा के लिए सेना की मदद कर रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि भाजपा ऐसी ओछी हरकतें कर रही है जो कि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि गंभीर संकट के मौके पर ऐसी हरकतों से बचना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार अंतर्राष्ट्रीय सीमा और यहाँ तक कि राज्य के पानी की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है जिसके लिए पंजाब सरकार द्वारा कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच जब ड्रोन डैमों पर दिखाई देते हैं, भाजपा हमें युद्ध के नाजुक मौके पर बहुत ही संवेदनशील क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि असल में भाजपा राज्य सरकार के धैर्य की परीक्षा ले रही है और हमें अपने कीमती पानी को बचाने के लिए सख्त कार्रवाई करने के लिए मजबूर कर रही है।
मुख्यमंत्री ने पानी के संकट के मसले पर किसान संगठनों की चुप्पी पर सवाल उठाए
मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर किसान यूनियनों की चुप्पी पर भी सवाल उठाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान संगठनों ने इस संबंध में एक भी बयान जारी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि वे सिर्फ बेतुके मसलों पर सड़क और रेलें जाम करके अपनी 'दुकानें' चला रहे हैं लेकिन राज्य से संबंधित इस महत्वपूर्ण और गंभीर मुद्दे पर पूरी तरह चुप हैं। भगवंत सिंह मान ने तंज कसते हुए कहा कि असल में किसान नेता इस कारण आज नंगल नहीं पहुँचे क्योंकि यहाँ ए.सी. वाली ट्रॉलियाँ नहीं हैं और उन्हें धूप में विरोध प्रदर्शन करना पड़ता जो अब उनके बस की बात नहीं रही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार को इन किसान यूनियनों की मदद की जरूरत भी नहीं है क्योंकि हमारी सरकार पंजाब और इसके लोगों के हितों की रक्षा खुद करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार बी.बी.एम.बी. अधिकारियों के माध्यम से राज्य के पानी को लूटने की कोशिश कर रही है, जो कि पूरी तरह असहनीय है। उन्होंने कहा कि यह सरासर घोर अन्याय है और पंजाब इसके विरुद्ध जोरदार संघर्ष करेगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ऐसा किसी भी कीमत पर नहीं होने दिया जाएगा और राज्य सरकार पंजाब के पानी को चोरी करने के उद्देश्य से किए जाने वाले ऐसे सभी प्रयासों को नाकाम कर देगी।
मुख्यमंत्री ने भाजपा और बी.बी.एम.बी. को चेतावनी देते हुए कहा कि उनके द्वारा की गई ऐसी कोई भी कोशिश राज्य में अमन-कानून की बड़ी समस्या पैदा कर सकती है। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि इस बड़े नुकसान के लिए दोनों पक्ष जिम्मेदार होंगे। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा राज्य से पानी छोड़ने का कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया है लेकिन भाजपा गैर-कानूनी ढंग से पंजाब से पानी छीनने की कोशिश कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राजस्थान सरकार ने पंजाब के कोटे से और पानी माँगा था क्योंकि राजस्थान सीमा पर तैनात सेना को अतिरिक्त पानी की जरूरत थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी राष्ट्रीय हितों की बात आती है तो पंजाब कभी भी पीछे नहीं हटता, इसी कारण देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए पानी छोड़ा गया है। भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट तौर पर कहा कि यदि अब कोई बी.बी.एम.बी. अधिकारी यहाँ आकर पानी छोड़ने की कोशिश करते हैं तो वे अपनी सुरक्षा के खुद जिम्मेदार होंगे क्योंकि पंजाब के लोग उनके विरुद्ध हैं। उन्होंने कहा कि यह सारी शरारत केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के इशारे पर हो रही है जो हरियाणा से हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके मंसूबों को सफल नहीं होने दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खट्टर और भाजपा पंजाब को हल्के में न लें क्योंकि यदि पंजाबी राज्य की सीमाओं की रक्षा कर सकते हैं तो वे इसके पानी को भी बचाने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब का पाकिस्तान के साथ लगती 532 किलोमीटर लंबी सीमा की रक्षा के लिए महान कुर्बानियाँ देने का गौरवशाली इतिहास है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आज भी पंजाबी पाकिस्तानी सेना को मुँहतोड़ जवाब देने में सबसे आगे हैं और इसके लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बी.बी.एम.बी.) असल में सतलुज और ब्यास नदियों के पानी के प्रबंधन के लिए स्थापित किया गया था। हालाँकि, उन्होंने कहा कि सालों से, पंजाब का पानी बी.बी.एम.बी. के माध्यम से दूसरे राज्यों की ओर मोड़ा जा रहा है और भाजपा सरकार ने अपने राजनीतिक हितों के लिए इस बोर्ड का दुरुपयोग शुरू कर दिया है। भगवंत सिंह मान ने दोहराया कि बी.बी.एम.बी. का पुनर्गठन किया जाना चाहिए क्योंकि यह मौजूदा रूप में पूरी तरह बेकार और अस्वीकार्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत ही दुख की बात है कि दूसरे राज्यों के कर्मचारियों को राज्य के खजाने से वेतन दिया जा रहा है और यह कर्मचारी सिर्फ पंजाब के हितों को नुकसान पहुँचाते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पिछले कुछ सालों में बी.बी.एम.बी. को दिए गए फंडों का लेखा-जोखा भी करवाएगी क्योंकि अधिकारियों ने करदाताओं की इस मेहनत की कमाई को निजी हितों के लिए इस्तेमाल किया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि बी.बी.एम.बी. भी पंजाब के विरुद्ध कानूनी लड़ाइयाँ लड़ने के लिए राज्य के ही पैसे का उपयोग करता है, जो कि बहुत ही निंदनीय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार बार-बार राज्य का पानी हरियाणा को देने की कोशिशें कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वे पंजाबियों के साथ मिलकर नंगल में बैठेंगे और भाजपा के राज्य में से पानी छोड़ने की किसी भी चाल को पूरी चौकसी के साथ नाकाम करेंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब अपने हिस्से के पानी की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और कोई भी, चाहे वह कितना भी ताकतवर क्यों न हो, इसे हमसे छीनने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने दोहराया कि राज्य के पास किसी अन्य राज्य के साथ साझा करने के लिए कोई अतिरिक्त पानी नहीं है और साथ ही कहा कि किसी को पानी की एक बूँद भी नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य के ज्यादातर ब्लॉक खतरे की कगार पर हैं और राज्य में भूजल की स्थिति बहुत गंभीर है। इसी तरह भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के ज्यादातर नदी स्रोत सूख गए हैं, इसलिए इसे अपनी सिंचाई जरूरतों को पूरा करने के लिए और पानी की जरूरत है।
केके
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