भारतीय व्यापारी पाकिस्तान के साथ व्यापार बंद करेंगे, उद्योग संगठन CAIT ने लिया फैसला
नई दिल्ली, 27 अप्रैल, 2025 (एएनआई): अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (सीएआईटी) ने पहलगाम में आतंकवादी हमले के कुछ दिनों बाद सर्वसम्मति से पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह के व्यापार को पूरी तरह से रोकने का फैसला किया है।
उद्योग निकाय ने भुवनेश्वर में अपनी दो दिवसीय राष्ट्रीय शासी परिषद की बैठक में यह शपथ ली, जिसमें देश भर के 26 राज्यों के 200 से अधिक प्रमुख व्यापार नेताओं ने भाग लिया।
कैट के राष्ट्रीय महासचिव एवं चांदनी चौक से सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर पहलगाम में हुई आतंकवादी घटना की कड़े शब्दों में निंदा की गई तथा पाकिस्तान के साथ सभी व्यापारिक संबंधों का पूर्ण बहिष्कार करने का आह्वान किया गया।
सीएआईटी के एक बयान के अनुसार, प्रस्ताव में कहा गया है कि पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की नृशंस हत्या के विरोध में, व्यापारिक समुदाय ने पाकिस्तान के साथ सभी प्रकार के आयात और निर्यात को तुरंत बंद करने का निर्णय लिया है।
सीएआईटी के बयान में कहा गया है, "व्यापारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए कड़े कदमों के प्रति पूर्ण समर्थन व्यक्त किया तथा आग्रह किया कि अपराधियों और उनके समर्थकों को सख्त से सख्त सजा दी जाए।"
2019 में पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद, भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार संबंध गंभीर रूप से बिगड़ गए, जिससे द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय गिरावट आई। CAIT के अनुसार, व्यापार की मात्रा, जो 2018 में लगभग 3 बिलियन अमरीकी डॉलर के शिखर पर थी, 2024 तक घटकर लगभग 1.2 बिलियन अमरीकी डॉलर हो जाएगी।
सीएआईटी के बयान के अनुसार, अप्रैल 2024 और जनवरी 2025 के बीच भारत ने पाकिस्तान को लगभग 500 मिलियन अमरीकी डॉलर मूल्य का सामान निर्यात किया, जिसमें मुख्य रूप से फार्मास्यूटिकल्स, रसायन, चीनी और ऑटो पार्ट्स शामिल हैं, जबकि आयात कुल 0.42 मिलियन अमरीकी डॉलर रहा।
सीएआईटी ने अपने बयान में कहा, "अब व्यापारियों ने इस व्यापार को भी पूरी तरह से समाप्त करने का संकल्प लिया है।"
व्यापार नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि किसी शत्रु देश के साथ व्यापार जारी रखना पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
खंडेलवाल ने कहा, "वर्तमान परिस्थितियों में, देश भर का व्यापारी समुदाय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एकजुट है और राष्ट्र की संप्रभुता और वाणिज्यिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए कोई भी आवश्यक कदम उठाने के लिए तैयार है।"
भुवनेश्वर में हुई इसी बैठक में सरकार और जीएसटी परिषद से यह भी मांग की गई कि क्विक कॉमर्स और ई-कॉमर्स कंपनियों के गलत आचरण के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए और उन पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाए।
CAIT ने आग्रह किया कि ऐसे प्लेटफॉर्म से खरीदारी की सुविधा को विलासिता माना जाना चाहिए और उसी के अनुसार कर लगाया जाना चाहिए। CAIT ने ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स कंपनियों पर लगातार नियमों और कानूनों का उल्लंघन करने, नकली उत्पाद बेचने और छोटे व्यापारियों के कारोबार को खत्म करने की साजिश रचने का आरोप लगाया।
कैट ने मांग की कि सरकार ई-कॉमर्स नीति और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत बनाए गए नियमों के साथ-साथ प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति को तुरंत लागू करे।
सीएआईटी के बयान में कहा गया है, "सभी व्यापार नेताओं ने डिजिटल वाणिज्य में पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग की। सीएआईटी ने इस बात पर जोर दिया कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की तकनीक, मूल्य निर्धारण और विक्रेता चयन प्रक्रिया पारदर्शी और जवाबदेह होनी चाहिए, जिससे छोटे किराना दुकान मालिकों और ऑफलाइन व्यापारियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।" (एएनआई)
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