Explainer : INS तमाल : कब आ रहा है भारत का ब्रह्मोस से लैस ‘Sea Warrior’? क्यों कहा जा रहा है– अब समंदर से नहीं बच पाएगा दुश्मन!
महक अरोड़ा
7 मई 2025, चंडीगढ़ : 28 मई को भारत की नौसेना में एक ऐसा युद्धपोत शामिल होने जा रहा है, जो सिर्फ स्टील का ढांचा नहीं, बल्कि भारत की बदलती रणनीति, आत्मनिर्भरता की दहलीज़ और दुश्मनों के होश उड़ाने वाला अस्त्र है — INS तमाल। इसका मतलब सिर्फ एक और जहाज़ नहीं है, बल्कि यह संकेत है कि भारतीय नौसेना अब महासागरों पर भी वही राज चाहती है, जो हमने आकाश में राफेल से और ज़मीन पर अर्जुन टैंक से स्थापित किया है।
INS तमाल जून 2025 में औपचारिक रूप से नेवी में शामिल होने जा रहा था, लेकिन देश की बदलती ज़रूरतों और पाकिस्तान की सीमा पार चालबाज़ियों के मद्देनज़र इसकी डिलीवरी की तारीख 28 मई कर दी गई है। यानि अब से कुछ ही दिनों में ये वॉरशिप हिंद महासागर की लहरों पर तैनात होगी — पूरी तैयारी और खतरनाक इरादों के साथ।
पहलगाम हमले के बाद क्यों बढ़ी पाकिस्तान की बेचैनी?
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान पहले से ज्यादा घबराया हुआ है। उसे अब हर पल यह डर सता रहा है कि भारत कहीं समुद्री रास्तों से जवाब न दे दे। शायद यही वजह है कि पाकिस्तान की नौसेना ने अरब सागर में हाई अलर्ट घोषित कर रखा है। लेकिन सवाल ये है — क्या पाकिस्तान को वाकई अंदाज़ा है कि भारत अब ‘INS तमाल’ जैसे आधुनिक वॉरशिप से लैस हो चुका है?
INS तमाल के आने का मतलब है — भारत अब सिर्फ ज़मीनी जवाब नहीं देगा, वह समंदर की लहरों पर भी अपनी रणनीति का परचम लहराएगा। और यही बात दुश्मनों के लिए सबसे खौफनाक सपना बन चुकी है।
INS तुशील के बाद अब INS तमाल — भारतीय नौसेना की अगली धार
INS तमाल, INS तुशील की तरह ही एक ‘तलवार क्लास स्टेल्थ फ्रिगेट’ है। इसे रूस के यांतर शिपयार्ड में तैयार किया गया है। भारत-रूस के बीच साल 2016 में हुए एक अहम रक्षा समझौते के तहत कुल 4 वॉरशिप्स बनाए जाने थे, जिनमें INS तुशील पहले ही नौसेना में शामिल हो चुका है और अब INS तमाल भी अपने जलवे दिखाने को तैयार है। इस वॉरशिप को चलाने के लिए भारतीय नौसेना के क्रू को रूस में स्पेशल ट्रेनिंग दी जा रही है, जिससे इसका हर सिस्टम — हर हथियार — ऑप्टिमम क्षमता से इस्तेमाल हो सके।
INS तमाल क्यों है इतना ख़ास? क्या-क्या कर सकता है ये युद्धपोत?
INS तमाल को सिर्फ एक जहाज़ कहना गलत होगा। यह एक चलता-फिरता, मारक और गुप्त सैन्य बेस है जो कई मोर्चों पर एक साथ काम कर सकता है। इसकी खासियतें हैं:
- ब्रह्मोस मिसाइल से लैस: इससे दुनिया की सबसे खतरनाक सुपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ को लॉन्च किया जा सकता है।
- स्पीड और रेंज: INS तमाल 30 नॉटिकल मील प्रति घंटे की रफ्तार से समंदर में मूव कर सकता है और 3000 किमी तक एक बार में सफर कर सकता है।
- ऐंटी-सबमरीन वॉरफेयर के लिए डिज़ाइन: इसमें टॉरपीडो, ऐंटी-सबमरीन रॉकेट्स और एक हेलिकॉप्टर तैनात करने की सुविधा है।
- स्टील्थ तकनीक: इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह रडार की पकड़ में कम आता है, यानी दुश्मन के लिए यह ‘अदृश्य’ बनकर हमला कर सकता है।
- 3900 टन वजन: इसका भारी-भरकम ढांचा इसे हर मौसम में टिकाऊ और अटैक-रेडी बनाता है।
INS तमाल क्यों है भारत के लिए रणनीतिक Game-Changer?
ये जहाज़ सिर्फ एक और frigate नहीं, बल्कि भारत की समुद्री नीति में एक निर्णायक मोड़ है।
1. Blue Water Navy Vision: भारत अब एक ऐसी नौसेना बना रहा है, जो सिर्फ तटीय रक्षा नहीं करती, बल्कि पूरी दुनिया में ऑपरेट कर सके। INS तमाल इस लक्ष्य की एक मजबूत कड़ी है।
2. Indo-Pacific Doctrine: भारत की रणनीति साफ है — Indo-Pacific में शक्ति संतुलन बनाए रखना। और ये वॉरशिप उस नीति को ground reality में बदल रहा है।
3. Self-Reliance की ओर अंतिम विदेशी कदम: INS तमाल आखिरी imported Talwar-class warship है। इसके बाद जो भी जहाज़ होगा, भारत खुद बनाएगा। यानी आत्मनिर्भर भारत अब सिर्फ नारे में नहीं, समंदर में भी साकार हो रहा है।
क्या मतलब है इसका भारत की शक्ति और पहचान के लिए?
भारत को हमेशा से एक “land power” के रूप में देखा गया है। लेकिन अब वक्त बदल चुका है। अब भारत "समुद्र से शक्ति, नीति और प्रभुत्व" की तरफ बढ़ रहा है। INS तमाल उसी बदलाव का प्रतीक है। ये भारत की डिटेरेंस पॉलिसी को मजबूती देता है — यानी कोई दुश्मन हमला करने की सोच भी न सके। ये नौसेना की क्लासिक मारक और स्मार्ट पोजिशनिंग को दर्शाता है — जो टारगेट पर सटीक वार करे, और खुद छिपा रहे। और ये भारत की वैश्विक छवि को निखारता है — एक जिम्मेदार, ताकतवर समुद्री राष्ट्र के तौर पर।
तो क्या अब भारत हिंद महासागर का राजा बन गया है?
राजा बनने का रास्ता लंबा होता है। लेकिन INS तमाल उस रास्ते पर भारत की तेज़ रफ्तार का सबूत है। अब भारत के पास aircraft carriers भी हैं, stealth frigates भी, और nukes से लैस submarines भी। और अब उसकी रणनीति सिर्फ रक्षा नहीं, सार्वभौमिक प्रभुत्व की है — खासकर उस क्षेत्र में, जहां से दुनिया की 80% समुद्री ट्रेड गुजरती है: Indian Ocean Region।
क्या अब कोई भारत को रोक सकता है?
जब देश का युद्धपोत समंदर में शेर बनकर गरजता है, तो सिर्फ लहरें नहीं हिलतीं — दुश्मनों के होश भी उड़ जाते हैं। INS तमाल भारत की सैन्य ताकत का विस्तार नहीं, उसकी समुद्री चेतना का पुनर्जागरण है। ये सिर्फ एक जहाज़ नहीं — ये राष्ट्र का संकल्प है।
MA
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