चंडीगढ़ में भाखड़ा डैम पानी विवाद: पंजाब और हरियाणा के बीच कोर्ट में गहरी बहस
पंजाब हरियाणा जल विवाद: हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा,
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 06 मई: पंजाब और हरियाणा के बीच भाखड़ा डैम के पानी के वितरण को लेकर चल रहा विवाद मंगलवार को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में एक बार फिर गरमाया। चीफ जस्टिस शीलू नागू की अगुवाई वाली बेंच ने 45 मिनट तक चली तीखी बहस के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। कोर्ट ने कहा कि यह मामला गंभीर और आपात स्थिति का है, इसलिए जल्द ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
पंजाब पुलिस का भाखड़ा डैम पर कब्जा
सुनवाई के दौरान, भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) के वकील ने कोर्ट को बताया कि पंजाब पुलिस ने भाखड़ा डैम पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है। पुलिस ने डैम की सभी कंट्रोल यूनिट्स अपने हाथ में ले ली हैं, जिससे BBMB के संचालन में बाधा आ रही है। वकील ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि भाखड़ा डैम का पानी न केवल हरियाणा, बल्कि राजस्थान और दिल्ली जैसे क्षेत्रों के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कोर्ट से पंजाब पुलिस को डैम से हटाने और BBMB को स्वतंत्र रूप से संचालन की अनुमति देने की मांग की।
पंजाब का दावा: हरियाणा कोटा से अधिक पानी ले रहा है
वहीं, पंजाब सरकार के वकील ने आरोप लगाया कि हरियाणा अपने निर्धारित कोटे से अधिक पानी ले रहा है। उनका कहना था कि हरियाणा ने मार्च तक अपना तय पानी पहले ही उपयोग कर लिया है। पंजाब ने BBMB पर कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाखड़ा डैम का पानी पंजाब के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है, और हरियाणा की मांगें अनुचित हैं।
याचिकाओं और कोर्ट का रुख
इस विवाद को लेकर अब तक हाईकोर्ट में तीन याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। पहली दो याचिकाएं शनिवार को एडवोकेट रविंद्र ढुल और फतेहाबाद ग्राम पंचायत ने दायर की थीं, जिसमें मांग की गई थी कि पंजाब पुलिस को डैम से हटाया जाए और हरियाणा को 8500 क्यूसेक पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। याचिकाओं में कहा गया कि भाखड़ा डैम का पानी सभी चार राज्यों के लिए जीवन रेखा है, और इसका बंटवारा निष्पक्ष होना चाहिए। सोमवार को BBMB ने भी एक याचिका दायर कर पंजाब पुलिस के कब्जे की शिकायत की थी।
पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र और मुख्यमंत्री भगवंत मान का हमला
पंजाब सरकार ने इस मुद्दे पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया, जिसमें मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हरियाणा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, "हरियाणा को जो पानी मिल रहा है, वह भी आगे नहीं मिलेगा।" इसके अलावा, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के उस बयान पर कि पंजाब का पानी रोकने से पाकिस्तान को लाभ हो सकता है, मान ने पलटवार करते हुए कहा, "पाकिस्तान को एक बूंद पानी भी नहीं जा रहा।"
हरियाणा की प्रतिक्रिया: पंजाब का प्रस्ताव असंवैधानिक
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पंजाब विधानसभा के प्रस्ताव को असंवैधानिक और भारत के संघीय ढांचे के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा, "पंजाब सरकार हरियाणा के लोगों के पीने के पानी को रोक रही है, जो अमानवीय है।" सैनी ने BBMB को केंद्र सरकार के अधीन एक स्वायत्त निकाय बताते हुए कहा कि पंजाब सरकार के बयान संविधान और न्यायालय की अवमानना हैं। उन्होंने पंजाब से बिना शर्त पानी छोड़ने की मांग की।
जल विवाद का व्यापक प्रभाव
यह जल विवाद केवल पंजाब और हरियाणा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि भाखड़ा डैम का पानी राजस्थान और दिल्ली के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। डैम पर बढ़ते तनाव से क्षेत्रीय सहयोग और जल प्रबंधन पर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय किसान और ग्रामीण समुदाय इस विवाद से सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं, क्योंकि सिंचाई और पीने के पानी की कमी उनके लिए गंभीर संकट पैदा कर रही है
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