आज मॉक ड्रिल: युद्धकालीन परिस्थितियों से निपटने की तैयारी, हरियाणा और चंडीगढ़ में ब्लैकआउट का अभ्यास
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 07 मई। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर देशभर में सुरक्षा के तहत मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में हरियाणा के 11 जिलों और चंडीगढ़ में आज यानी 7 मई को युद्धकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इसके तहत रात के समय सायरन बजाए जाएंगे और ब्लैकआउट का अभ्यास होगा। सिविल डिफेंस टीमें मंगलवार से ही इस बड़े अभ्यास की तैयारियों में जुट गई हैं। यह ड्रिल 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद पहली बार इतने बड़े पैमाने पर आयोजित की जा रही है।
हरियाणा में भी होगा ब्लैकआउट
हरियाणा में भी रेड सायरन की तेज आवाज के साथ ही हवाई हमले से बचाव के लिए मॉक ड्रिल शुरू होगी। इसमें स्थानीय जिला प्रशासन और सिविल डिफेंस समेत पुलिस, एनडीआरएफ, फायर और अन्य विंग्स के कर्मचारी/अधिकारी बतौर सहयोगी शामिल रहेंगे। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपात स्थिति में सुरक्षित रहने और मानसिक रूप से तैयार रहने के लिए नागरिकों को प्रशिक्षित करना है।
ड्रिल के दौरान प्रदेश और देशवासियों से अपील की गई है कि वे घबराएं नहीं, बल्कि सजगता से काम करें और बच्चों को जागरूक जरूर करें। हवाई हमले से बचाव के लिए चेकलिस्ट को मोबाइल में सेव रखने का भी सुझाव दिया गया है।
दो श्रेणियों में बांटे गए हरियाणा के 11 जिले
हरियाणा के 11 जिलों को दो कैटेगरी में बांटा गया है। कैटेगरी-2 में दस शहर और कैटेगरी-3 में एक जिला शामिल है।
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कैटेगरी-2: अंबाला, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सिरसा, सोनीपत, यमुनानगर
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कैटेगरी-3: झज्जर
अलग-अलग समय पर होगी मॉक ड्रिल
मॉक ड्रिल का सटीक समय अभी घोषित नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, हर शहर में यह अभ्यास अलग-अलग समय पर होगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी क्षेत्रों में एक साथ व्यवधान न हो और अभ्यास प्रभावी ढंग से हो सके।
मॉक ड्रिल का उद्देश्य और प्रक्रिया
इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य युद्ध या आपातकालीन स्थिति में नागरिकों को तैयार करना है। सिटी कंट्रोल रूम से एक हूटर बजेगा, जिसके बाद सभी नागरिकों को अपने घरों की लाइटें, मोबाइल टॉर्च और अन्य रोशनी के साधन बंद करने होंगे। इसके अलावा, सड़कों पर लगी स्ट्रीट लाइट, हाईमास्ट लाइट, राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर लगी लाइटें, और टोल प्लाजा की रोशनी भी बंद की जाएगी।
इस दौरान सिविल डिफेंस की टीमें लोगों को यह समझाएंगी कि हमले की स्थिति में एक-दूसरे की मदद कैसे की जा सकती है। साथ ही, किसी के घायल होने पर प्राथमिक उपचार और राहत कार्यों की जानकारी भी दी जाएगी।
यह मॉक ड्रिल नागरिकों को युद्धकालीन परिस्थितियों से निपटने की तैयारी कराने का एक बड़ा कदम है।""
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