चंडीगढ़ को 'स्लम फ्री' बनाने की तैयारी तेज, सेक्टर-25 की झुग्गियों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी - हजारों परिवारों का भविष्य अधर में
महक अरोड़ा
चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से शहर को ‘स्लम फ्री सिटी’ घोषित करने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया जा रहा है। इस क्रम में सेक्टर-25 की झुग्गी बस्ती को हटाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। प्रशासन ने यहां रहने वाले लोगों को नोटिस जारी कर मंगलवार तक झुग्गियां खाली करने का आदेश दिया है। कार्रवाई के दिन क्षेत्र में भारी पुलिस बल की तैनाती भी की जाएगी।
सामान समेटते दिखे लोग, इलाके में तनावपूर्ण माहौल
सोमवार को झुग्गी बस्ती में अफरा-तफरी का माहौल रहा। बड़ी संख्या में लोग अपने-अपने घरों का सामान टैंपो और रिक्शों में भरते दिखे। ईंटें, लोहे की चादरें और रोज़मर्रा का ज़रूरी सामान समेटा जा रहा था ताकि कहीं और जाकर दोबारा जीवन शुरू किया जा सके। स्थानीय निवासियों के मुताबिक, उन्हें अचानक नोटिस मिलने के बाद समझ ही नहीं आ रहा कि अब जाएं तो कहां जाएं।
सेक्टर-25 की झुग्गियों में करीब हजारों की संख्या में लोग सालों से रह रहे हैं। इनमें से अधिकतर लोग श्रमिक वर्ग से आते हैं, जिनके पास वोटर कार्ड, आधार कार्ड सहित ज़रूरी दस्तावेज भी हैं। स्थानीय निवासी मुकेश कहते हैं, “अगर कॉलोनी हटा दी गई, तो हम सब बेघर हो जाएंगे। कोई विकल्प नहीं दिया गया।” वहीं, सुनीता नाम की महिला ने कहा, “हम किराया देने की स्थिति में नहीं हैं। सारे दस्तावेज होने के बावजूद हमें कोई घर अलॉट नहीं किया गया।”
बच्चों की पढ़ाई और महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल
बस्ती में रहने वाले कई बच्चों की पढ़ाई पास के स्कूलों में चल रही है। लोगों का कहना है कि अगर उन्हें दूर शिफ्ट कर दिया गया, तो बच्चों की शिक्षा प्रभावित होगी। महिलाओं ने सवाल उठाया है कि उन्हें पुनर्वास की योजना में क्यों शामिल नहीं किया गया—"हमारा क्या दोष है?"
पहले भी चली है कार्रवाई, अब क्या है विकल्प?
यह पहली बार नहीं है जब प्रशासन ने अवैध बस्तियों को हटाने की कार्रवाई की है। इससे पहले इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 की संजय कॉलोनी पर भी बुलडोजर चलाया जा चुका है। प्रशासन का कहना है कि शहर की साफ-सफाई और व्यवस्थित विकास के लिए यह कदम ज़रूरी है।
हालांकि, इस कार्रवाई ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या झुग्गियों को हटाने से पहले वहां रहने वाले परिवारों के लिए कोई ठोस वैकल्पिक व्यवस्था की गई है फिलहाल, कई परिवार झामपुर, दरिया और मोहाली की ओर पलायन कर चुके हैं। उनका कहना है कि जहां जगह मिलेगी, वहीं फिर से झुग्गी डालनी पड़ेगी।
क्या कहता है प्रशासन?
प्रशासन का तर्क है कि स्लम हटाओ अभियान के तहत केवल अवैध कब्जों पर कार्रवाई की जा रही है। पुनर्वास की प्रक्रिया उन्हीं लोगों के लिए है जो पात्रता की शर्तें पूरी करते हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया में कितने लोग शामिल हो पाए हैं, इस पर प्रशासन की ओर से कोई स्पष्ट आंकड़ा अब तक सामने नहीं आया है।
MA
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