कुमारी सैलजा ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री को लिखा पत्र, यमुना-घग्गर लिंक नहर परियोजना को प्राथमिकता दी जाए
हरियाणा के जल संकट के स्थायी समाधान में अहम होगी यमुना-घग्गर लिंक नहर
भाजपा और आप दोनों मिलकर एक साजिश के तहत कर रहे है हरियाणा के हितों पर कुठाराघात
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 06 मई। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) दोनों एक साजिश के तहत हरियाणा के हितों पर कुठाराघात कर रही हैं, प्रदेश में जलसंकट पर दोनों राजनीतिक करने में लगे हुए है जबकि जनता बूंद बूंद पानी के लिए तरस रही है, ऐसे में केंद्र सरकार को हस्तक्षेप कर हरियाणा को उसके हक का पानी दिलाना चाहिए क्योंकि बीबीएमबी केंद्र के अधीन ही काम करता है। उधर कुमारी सैलजा ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल को पत्र लिखकर कहा है कि हरियाणा के जल संकट के स्थायी समाधान के लिए यमुना-घग्गर लिंक नहर का निर्माण किया जा सकता है।
कुमारी सैलजा ने मीडिया को जारी बयान में कहा है कि पंजाब सरकार ने हरियाणा में जो जल संकट पैदा किया है, उसके स्थायी समाधान की जरूरत है। सांसद ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए लग रहा है कि भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) दोनों एक साजिश के तहत हरियाणा के हितों पर कुठाराघात कर रही हैं, प्रदेश में जलसंकट पर दोनों राजनीतिक करने में लगे हुए है जबकि जनता बूंद बूंद पानी के लिए तरस रही है। सैलजा ने कहा कि इस विवाद को लेकर अदालत में जाने का समय नहीं है क्योंकि अदालतों में फैसला आने पर देर लगती है तब तक प्रदेश की जनता को प्यासा तो नहीं छोड़ा जा सकता। सांसद ने कहा कि पंजाब को हरियाणा का पानी रोकने का कोई हक नहीं है क्योंकि भाखडा के पानी के लिए पंजाब ने केवल रास्ता दिया है और रास्ता देने वालों को पानी रोकने कोई हक नहीं है। कुमारी सैलजा ने कहा कि केंद्र सरकार को इस विवाद में हस्तक्षेप करते हुए इसका समाधान करना चाहिए क्योंकि भाखडा नांगल बांध का प्रबंधन देखने वाला बीबीएमबी केंद्र के अधीन आता है।
दूसरी ओर हरियाणा में जल संकट को लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल को सांसद कुमारी सैलजा को पत्र लिखकर यमुना-घग्गर लिंक नहर परियोजना को ‘नदी जोड़ो परियोजना’ के अंतर्गत प्राथमिकता देने की मांग की है। कुमारी सैलजा ने कहा है कि अंबाला से लेकर सिरसा तक हरियाणा के अनेक जिले—जैसे अंबाला, कैथल, जींद, फतेहाबाद, सिरसा—जल असमानता, सिंचाई की कमी और लगातार गिरते भूजल स्तर से जूझ रहे हैं। यमुना और घग्गर नदियों के बीच एक लिंक नहर का निर्माण, राज्य के इन क्षेत्रों के लिए जीवनदायिनी सिद्ध हो सकता है। ऐतिहासिक और भूवैज्ञानिक प्रमाण यह दर्शाते हैं कि प्राचीन सरस्वती नदी के रूप में मानी जाने वाली घग्गर नदी और यमुना के बीच जल-सम्बंध रहा है। इस पर आधारित एक लिंक नहर न केवल कृषि को स्थायी जल स्रोत देगी, बल्कि बाढ़ नियंत्रण, ग्रामीण जीवन सुधार और वर्षा पर निर्भरता में भी कमी लाएगी।
भाखड़ा डैम से पानी की आपूर्ति में बाधा और हरियाणा को उसका उचित जल हिस्सा न मिलने की स्थिति में, यह परियोजना राज्य की जल सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सरकार से इस दिशा में शीघ्र सर्वेक्षण व योजना निर्माण का अनुरोध किया है ताकि हरियाणा के सूखा प्रभावित क्षेत्रों को दीर्घकालिक राहत मिल सके।
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