Himachal Cabinet Decisions : Himcare से बाहर होंगे बड़े कारोबारी, गरीबों से नहीं ली जाएगी कोई फीस
बाबूशाही ब्यूरो
शिमला, 06 मई 2025 :
हिमाचल प्रदेश सरकार ने हिमकेयर योजना में बड़े बदलाव करने का निर्णय लिया है। अब इस योजना से वे लोग बाहर कर दिए जाएंगे जो अच्छी आमदनी वाले व्यापारी और उद्योगपति हैं। वहीं, बीपीएल श्रेणी, गरीब, विधवा, और एकल नारी जैसी श्रेणियों से किसी भी प्रकार की फीस नहीं ली जाएगी।
सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने हिमकेयर और आयुष्मान भारत योजना पर विस्तृत प्रस्तुति दी। राज्य सरकार हिमकेयर को बीमा आधारित मॉडल पर लागू करने पर भी विचार कर रही है।
भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर सख्ती
बैठक के बाद उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि पिछली भाजपा सरकार के समय हिमकेयर के तहत अधिकृत निजी अस्पतालों में भारी गड़बड़ियां हुईं। इन अस्पतालों ने राज्य सरकार से करोड़ों के फर्जी बिल वसूले। उन्होंने यह भी बताया कि आयुष्मान भारत योजना के लिए केंद्र सरकार केवल 45 करोड़ रुपये देती है, जबकि राज्य सरकार 125 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।
उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से सक्षम लोग भी हिमकेयर का लाभ उठा रहे हैं, जो अनुचित है। इसलिए अब केवल बीपीएल, विधवा, परित्यक्ता और अन्य गरीब वर्गों को ही योजना का लाभ मिलेगा। दैनिक वेतनभोगी और अंशकालिक कर्मचारी जैसे वर्गों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
ये निर्णय भी लिए
कैबिनेट ने ऊना जिले के श्री चिंतपूर्णी, शिमला जिले के सराहन, और हमीरपुर जिले के भोटा योजना क्षेत्रों के लिए विशेष विकास योजनाएं तैयार करने का निर्णय लिया। राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे अनियोजित ग्रामीण वाणिज्यिक विकास को नियंत्रित करने का फैसला किया गया।
81 चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति को मंजूरी
कैबिनेट ने 81 चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति को स्वीकृति दी है, जिनमें 68 कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर और 13 अन्य श्रेणियों के पद शामिल हैं। ये नियुक्तियाँ मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में आपात सेवाओं, ट्रॉमा सेंटर, ब्लड बैंक और कैंसर देखभाल सुविधाओं को मजबूत करने के लिए की जाएंगी।
साथ ही, फॉरेंसिक सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए 18 विशेषज्ञों की भर्ती और कृषि विभाग में कृषि विस्तार के 11 पदों को भरने की भी मंजूरी दी गई है।
सुन्नी नगर परिषद की अधिसूचना वापस
शिमला जिले की सुन्नी नगर पंचायत को नगर परिषद बनाए जाने की अधिसूचना को सरकार ने वापस ले लिया है। अब सुन्नी पहले की तरह नगर पंचायत ही बनी रहेगी। यह निर्णय स्थानीय जनता की मांग पर लिया गया, जिसे लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कैबिनेट में उठाया था। (SBP)
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