एक दिन की बारिश ने खोली सरकार की अनाजमंडियों में समुचित प्रबंधों की पोल:कुमारी सैलजा
कहा-गेहूं की गुणवत्ता खराब होने से हुआ नुकसान या तो किसानों को झेलना पड़ेगा या फिर व्यापारियों को
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 03 मई।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश की अनाजमंडियों में सरकार की ओर से कैसी व्यवस्था की गई है कि इसकी पोल एक ही दिन की बारिश ने खोलकर रख दी है। समय पर उठान न होने के कारण मंडी में गेहूं बारिश में भीगकर खराब हो रहा है। आखिर इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा, बारिश से गेहूं खराब होने को लेकर किसानों और आढ़तियों में भारी रोष है क्योंकि भीगने से गेहूं की गुणवत्ता घटेगी, तो उसका नुकसान या तो किसानों को झेलना पड़ेगा या फिर व्यापारियों को जबकि तुलाई के बाद किसान की जिम्मेदारी खत्म हो जाती है।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि अनाजमंडियों में व्यापक प्रबंध न होने पर उनकी ओर से पहले भी कई बार यह मुद्दा उठाया था कि सरकार द्वारा मंडियों की सुध ली जा रही है जिससे पूरा उठान भी नहीं हो पा रहा है। अब जब किसानों की मेहनत बर्बाद हो रही है, क्या किसी की कोई जवाबदेही तय होगी? भाजपा सरकार बिना देरी के इस व्यवस्था को सुधारे ताकि मंडियों में पड़ा अनाज यूं ही खराब न हो। समय पर उठान न होने के कारण अनाजमंडियों में गेहूं बारिश में भीगकर खराब हो रहा है। एक दिन की बारिश में ही भाजपा सरकार के तमाम दावों की पोल खुल गई। इसे लेकर किसानों और व्यापारियों में गुस्सा हैं। हर बार बरसात में ऐसा ही होता है, लेकिन प्रशासन सिर्फ खानापूर्ति करता है। अब जब गेहूं की गुणवत्ता घटेगी, तो उसका नुकसान या तो किसानों को झेलना पड़ेगा या फिर व्यापारियों को। सरकार की लापरवाही से जो अनाज खराब हुआ है, उसका उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए।
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि मौसम विभाग समय समय पर मौसम खराब होने को लेकर चेतावनी जारी करता रहता है बावजूद इसके प्रशासन किसी भी तरह के इंतजाम नहीं कर पाता क्या सरकार को मौसम विभाग पर भरोसा नहीं है। मंडी में हजारों बोरियों में गेहूं की तुलाई हो चुकी थी और खुले में ढेर भी बनाए गए थे। बारिश और जलभराव की वजह से अब इन बोरियों में भरा गेहूं भी नमी खा गया है, जिससे उसकी गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है। इससे हुए नुकसान का जिम्मेदार कौन होगा। सरकार को किसी न किसी की जिम्मेदारी तय करनी होगी इसके लिए किसान को किसी भी सूरत में कसूरवार नहीं ठहराया जा सकता है, फसल बेचने के बाद किसान की जिम्मेदारी खत्म हो जाती है, उसके बाद की जिम्मेदारी खरीद एजेंसी की बनती है।
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स्कूलों के शौचालयों की बदहाली बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरा
कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा के स्कूलों में शौचालय की कमी और जहां पर है उनका खराब हालत होना एक गंभीर समस्या है जिसे तुरंत ठीक करने की आवश्यकता है। सरकार को इस समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए और स्कूलों में पर्याप्त और स्वच्छ शौचालय उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाने चाहिए। कई स्कूलों में बच्चों के लिए पर्याप्त शौचालय उपलब्ध नहीं हैं, जो उनकी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने में बाधा डालता है। शौचालय अक्सर गंदगी और खराब हालत में होते हैं, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा होता है। साफ-सुथरे शौचालय का अभाव संक्रामक रोगों के प्रसार को बढ़ावा दे सकता है, और बच्चों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। कई जिलों में स्कूलों में शौचालयों की साफ सफाई न होने छात्राएं संक्रामक रोगों की चपेट में आ जाती है। सरकार को इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान देना चाहिए।
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