हरियाणा में पानी विवाद पर सर्वदलीय बैठक, सीएम नायब सिंह सैनी बोले—“संघीय ढांचे पर हमला कर रहे भगवंत मान”
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 3 मई: पंजाब द्वारा भाखड़ा नहर में हरियाणा का पानी रोकने को लेकर शनिवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चंडीगढ़ स्थित सीएम निवास में सर्वदलीय बैठक बुलाई। बैठक में सभी प्रमुख दलों के नेता शामिल हुए और पानी के मुद्दे पर एकजुटता दिखाई।
बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, जजपा नेता दुष्यंत चौटाला, इनेलो अध्यक्ष रामपाल माजरा, कैबिनेट मंत्री अनिल विज, रणबीर गंगवा, श्याम सिंह राणा और श्रुति चौधरी सहित अन्य नेता मौजूद रहे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली, कांग्रेस के उदयभान, आम आदमी पार्टी से सुशील गुप्ता, बीएसपी से कृष्ण जमालपुर और सीपीआई(एम) से ओमप्रकाश ने भी बैठक में हिस्सा लिया।
बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम सैनी ने कहा, “हमने पानी के मुद्दे पर सभी दलों के साथ बैठक की है और सभी ने एकजुटता दिखाई है। चाहे एसवाईएल हो या पीने के पानी का मामला, हम मिलकर लड़ेंगे। भगवंत मान असंवैधानिक कार्य कर रहे हैं। पानी देश का है, किसी एक राज्य का नहीं।”
सीएम सैनी ने कहा कि पंजाब बार-बार हरियाणा का हिस्सा रोककर भेदभाव कर रहा है। “बीबीएमबी ने 8500 क्यूसेक पानी देने की बात कही थी, लेकिन पंजाब ने उसे पूरा नहीं किया। भगवंत मान लोगों को गुमराह कर रहे हैं, जबकि तकनीकी समिति के अनुसार हरियाणा को पानी मिलना चाहिए।”
सीएम ने कहा कि पंजाब की इस हरकत से हरियाणा के कई जिलों में पीने के पानी की किल्लत हो गई है। “हम अपने हिस्से से ज्यादा पानी नहीं मांग रहे। भगवंत मान का व्यवहार संघीय ढांचे पर सीधा हमला है और इससे गलत परंपरा शुरू होगी।”
आप सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, “जब तक दिल्ली में उनकी सरकार थी, कोई दिक्कत नहीं थी। अब वे हरियाणा की जनता से बदला ले रहे हैं। मान साहब अगर जिद पर अड़े रहे तो हरियाणा चुप नहीं बैठेगा। जरूरत पड़ी तो हम संवैधानिक विकल्प अपनाएंगे।”
सीएम सैनी ने बैठक में प्रस्ताव पारित करने की बात भी कही, जिसमें पंजाब सरकार से बीबीएमबी के फैसले को तुरंत लागू करने की मांग की गई। “अगर पंजाब ने ये फैसला नहीं माना, तो हम हर स्तर पर संघर्ष करेंगे। बीबीएमबी की बैठक और पंजाब के विशेष सत्र का इंतजार करेंगे, उसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी।”
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