पानी के संकट पर केंद्र सरकार गंभीर, चार राज्यों के मुख्य सचिवों को दिल्ली तलब किया
रमेश गोयत
चंडीगढ़/नई दिल्ली, 2 मई 2025:
देश में बढ़ते जल संकट को देखते हुए केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। जल शक्ति मंत्रालय ने हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के मुख्य सचिवों को तत्काल प्रभाव से नई दिल्ली तलब किया है। यह कदम यमुना जल वितरण और गर्मी के मौसम में उत्पन्न जल संकट को लेकर उठाया गया है।
जानकारी के अनुसार, बैठक शुक्रवार को जल शक्ति मंत्रालय में आयोजित की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय जल शक्ति मंत्री करेंगे। बैठक में जल आपूर्ति की स्थिति, जल वितरण विवाद, और गर्मी के कारण उत्पन्न पेयजल संकट के समाधान को लेकर चर्चा होगी।
विशेष रूप से दिल्ली एनसीआर में पानी की कमी को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं। राजधानी में जल बोर्ड ने कई इलाकों में जल आपूर्ति में कटौती की चेतावनी दी है। दिल्ली सरकार का आरोप है कि हरियाणा यमुना से दिल्ली को तय मात्रा में पानी नहीं दे रही है, जबकि हरियाणा सरकार का दावा है कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुरूप ही जल की आपूर्ति कर रही है।
इसी तरह, पंजाब और हरियाणा के बीच सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर को लेकर दशकों पुराना विवाद फिर से गर्मा गया है। उत्तर प्रदेश की ओर से भी यमुना जल समझौते के अनुपालन में देरी को लेकर चिंता जताई गई है।
केंद्र सरकार की इस पहल को राज्यों के बीच बढ़ते टकराव और गर्मियों में आम जनता के सामने खड़े जल संकट के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। माना जा रहा है कि इस उच्चस्तरीय बैठक में एक संयुक्त कार्ययोजना और जल वितरण का नया रोडमैप तैयार किया जा सकता है।
क्या हैं प्रमुख मुद्दे:
दिल्ली को यमुना से पर्याप्त जल आपूर्ति नहीं मिल रही
हरियाणा-पंजाब में SYL नहर विवाद फिर उभरा
गर्मी में जल स्रोतों पर बढ़ता दबाव
जल वितरण समझौते के अनुपालन में ढिलाई
जनहित में केंद्र का संदेश:
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि पानी जैसी मूलभूत आवश्यकता को लेकर कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी राज्यों से सहयोगात्मक रवैया अपनाने और पानी के न्यायपूर्ण वितरण पर सहमति बनाने की अपील की गई है।
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