पंजाब द्वारा हरियाणा की ओर पानी रोकने का मामला हाईकोर्ट पहुंचा, 9 जिलों में जल संकट
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 3 मई: पंजाब सरकार द्वारा भाखड़ा हेडवर्क्स और लोहेड़ खुड्ड एस्केप चैनल पर पुलिस बल तैनात कर हरियाणा की ओर पानी के प्रवाह को रोके जाने का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है। एडवोकेट रविंदर सिंह ढुल ने इस गंभीर सार्वजनिक हित के मुद्दे पर जनहित याचिका दायर की है, जिसे लेकर अब न्यायिक हस्तक्षेप की मांग की गई है।
याचिका में कहा गया है कि इस कदम के कारण हरियाणा के करीब 9 जिलों में गंभीर जल संकट पैदा हो गया है, जिससे न केवल खेती प्रभावित हो रही है, बल्कि सामान्य जनजीवन भी अस्त-व्यस्त हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स और पंजाब-हरियाणा के मुख्यमंत्रियों द्वारा लिखे गए पत्र इस स्थिति की गंभीरता की पुष्टि करते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, 23 अप्रैल को एक तकनीकी समिति की बैठक में फैसला लिया गया था कि हरियाणा को 7 दिन के लिए 8,500 क्यूसेक पानी दिया जाएगा, जिसमें से 7,000 क्यूसेक हरियाणा, 1,000 क्यूसेक दिल्ली और 500 क्यूसेक राजस्थान को मिलना था। हालांकि, इस निर्णय के बावजूद हरियाणा को पानी नहीं मिल पा रहा।
याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि भाखड़ा डैम का पानी सिंचाई और पेयजल के लिए मुख्य स्रोत है, और इसका बंटवारा भारत-पाकिस्तान के बीच हुए इंडस वाटर ट्रीटी (1960) के तहत तय हुआ है। इसके बावजूद, राजनीतिक और प्रशासनिक हस्तक्षेप के कारण हरियाणा को उसका हिस्सा नहीं दिया जा रहा है।
याचिकाकर्ता ने अदालत से इस विषय में त्वरित सुनवाई और हस्तक्षेप की मांग की है ताकि जल आपूर्ति बहाल हो सके और राज्य में उत्पन्न हो रहे कानून-व्यवस्था के संकट को रोका जा सके।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →