रायपुर रानी के गांव मौली में पुलिस टीम पर हमला, भीड़ ने गाड़ी का शीशा तोड़ा और मारपीट की
डिटेक्टिव स्टाफ टीम अनुसूचित जाति अधिनियम के तहत दर्ज मामले की जांच के लिए पहुंची थी गांव, घुड़चढ़ी विवाद के बाद तनाव का माहौल
बाबूशाही ब्यूरो
पंचकूला, 30 अप्रैल — पंचकूला जिले के रायपुर रानी क्षेत्र के गांव मौली में अनुसूचित जाति (एससी/एसटी) अधिनियम के तहत दर्ज एक केस की जांच के लिए पहुंची डिटेक्टिव स्टाफ टीम पर स्थानीय ग्रामीणों ने हमला कर दिया। घटना के दौरान पुलिस कर्मियों के साथ न सिर्फ मारपीट की गई, बल्कि सरकारी वाहन का आगे का शीशा भी तोड़ दिया गया और एक जवान की जैकेट तक फाड़ दी गई।
सूत्रों के अनुसार, डिटेक्टिव स्टाफ की टीम एएसआई लखमीर सिंह की अगुवाई में एक सरकारी गाड़ी में गांव मौली पहुंची थी। टीम का मकसद अनुसूचित जाति अधिनियम के तहत दर्ज एक गंभीर मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी करना था। जैसे ही टीम गांव में दाखिल हुई, तो गलती से वह एक ऐसे रास्ते पर पहुंच गई जिसे स्थानीय लोग ‘निजी’ या ‘गलत रास्ता’ मानते हैं। इसी बात को लेकर ग्रामीणों और पुलिस टीम के बीच कहासुनी शुरू हो गई।
घटना के पीछे पुराना तनाव भी वजह
बताया जा रहा है कि गांव मौली में कुछ दिन पहले एक शादी समारोह के दौरान घुड़चढ़ी को लेकर विवाद हो गया था। इस विवाद के चलते उस समय भी पुलिस को सुरक्षा प्रबंध करने पड़े थे और पूरी शादी पुलिस की निगरानी में संपन्न कराई गई थी। उसी घटना से जुड़े मामले में अनुसूचित जाति अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही थी, जो वर्तमान घटना का कारण बनी।
अचानक भड़की भीड़, पुलिसकर्मियों को घेरा
स्थानीय ग्रामीणों का गुस्सा इस कदर बढ़ा कि उन्होंने सरकारी गाड़ी को घेर लिया। भीड़ ने आगे का शीशा तोड़ दिया और एएसआई लखमीर सिंह सहित टीम के अन्य सदस्यों के साथ धक्का-मुक्की और मारपीट की। पुलिसकर्मियों की सरकारी जैकेट तक फाड़ दी गई। हालात बेकाबू होते देख टीम को तुरंत गांव से बाहर निकलना पड़ा और उन्होंने उच्चाधिकारियों को मामले की जानकारी दी।
पुलिस ने कहा: दोषियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई
पंचकूला पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं। पुलिस ने कहा है कि कानून व्यवस्था को हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इस घटना को लेकर संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया जा रहा है और दोषियों की पहचान की जा रही है। जल्द ही गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों में भय और तनाव का माहौल
इस घटना के बाद गांव मौली में तनाव का माहौल बना हुआ है। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस बिना पूर्व सूचना के गांव में आई, जिससे लोगों में भ्रम और डर फैल गया। वहीं प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई पूरी तरह से कानून के दायरे में थी।
सवाल उठ रहे हैं सुरक्षा इंतजामों पर
घटना से यह सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या पुलिस को इतने संवेदनशील गांव में बिना पर्याप्त सुरक्षा बल के दाखिल होना चाहिए था? क्या पूर्व में हुए घुड़चढ़ी विवाद को देखते हुए पुलिस को स्थिति की गंभीरता का आकलन करना चाहिए था?
आगे की रणनीति
पंचकूला पुलिस ने आश्वासन दिया है कि ग्रामीणों से संवाद स्थापित कर स्थिति को शांत किया जाएगा और कानूनी कार्रवाई निष्पक्ष तरीके से होगी। साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए अतिरिक्त बल और रणनीति तैयार की जाएगी।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →