चंडीगढ़ के सरकारी स्कूल में दो शिक्षकों के बीच मारपीट का वीडियो वायरल, शिक्षा विभाग ने दिए जांच के आदेश
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ, 01 मई । चंडीगढ़ के सेक्टर-29 स्थित सरकारी हाई स्कूल में दो अध्यापकों के बीच ड्यूटी और पीरियड एडजस्टमेंट को लेकर हुए विवाद का मामला अब गंभीर रूप ले चुका है। घटना का वीडियो सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। वीडियो में दोनों शिक्षक एक-दूसरे पर लात-घूंसे बरसाते, कुर्सी से हमला करते और आपस में गाली-गलौज करते दिखाई दे रहे हैं। वीडियो वायरल होते ही चंडीगढ़ के डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन हरसुहिंदरपाल सिंह बराड़ ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
मिली जानकारी के अनुसार यह घटना 23 अप्रैल 2025 की सुबह की है। स्कूल के स्टाफ के अनुसार उस दिन सुबह की शिफ्ट में दोनों शिक्षक स्कूल की लाइब्रेरी में बैठे थे। वहीं अन्य कुछ शिक्षक भी मौजूद थे। ड्यूटी शेड्यूल और पीरियड एडजस्टमेंट को लेकर दोनों के बीच कहासुनी शुरू हुई, जो देखते ही देखते हिंसक झड़प में बदल गई।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पहले दोनों शिक्षक खड़े होकर एक-दूसरे से बहस करते हैं, फिर अचानक एक शिक्षक कुर्सी उठाकर दूसरे पर वार करता है। इसके बाद दोनों में लात-घूंसे चलते हैं। वहां मौजूद अन्य शिक्षक उन्हें रोकने की कोशिश करते हैं, लेकिन दोनों इस कदर गुस्से में थे कि स्थिति पूरी तरह हाथ से बाहर निकल चुकी थी।
स्कूल प्रबंधन ने नहीं दी सूचना, वीडियो के वायरल होने पर खुला मामला
चौंकाने वाली बात यह है कि इस घटना को स्कूल प्रबंधन ने सार्वजनिक नहीं होने दिया। घटना के बाद न तो शिक्षा विभाग को कोई रिपोर्ट भेजी गई और न ही संबंधित शिक्षकों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई। ऐसा प्रतीत होता है कि स्कूल प्रबंधन ने मामले को दबाने की कोशिश की। लेकिन अब जब घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, तब जाकर शिक्षा विभाग ने संज्ञान लिया।
शिक्षा निदेशक ने कहा- “बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ऐसा व्यवहार”
मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन हरसुहिंदरपाल सिंह बराड़ ने कहा:
“सरकारी स्कूलों में शिक्षक अनुशासन और संस्कार के प्रतीक होते हैं। इस तरह का हिंसक और अभद्र व्यवहार अस्वीकार्य है। हमने तत्काल प्रभाव से जांच कमेटी गठित कर दी है। रिपोर्ट मिलने के बाद दोनों शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।”
स्कूलों की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
इस घटना ने सरकारी स्कूलों की कार्यप्रणाली और प्रशासनिक निगरानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह चिंता का विषय है कि जिस स्थान पर बच्चों को शांति, संयम और व्यवहारिक शिक्षा दी जाती है, वहीं शिक्षक खुद हिंसक झगड़े में उलझे नजर आए। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों का छात्रों पर गहरा मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ सकता है।
जनता और अभिभावकों में नाराजगी
इस वीडियो के सामने आने के बाद स्थानीय नागरिकों और अभिभावकों में भी नाराजगी है। कुछ अभिभावकों ने सवाल उठाए हैं कि अगर शिक्षक इस तरह का व्यवहार करेंगे तो बच्चों को क्या सिखाया जाएगा? उन्होंने दोषी शिक्षकों के निलंबन और स्कूल प्रशासन के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है।
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