करनाल में लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के जन्मदिन पर भावुक श्रद्धांजलि, रक्तदान शिविर में उमड़ा जनसैलाब
बाबूशाही ब्यूरो
करनाल, 01 मई।
महाराजा अग्रसेन भवन, करनाल में रविवार को लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के जन्मदिन पर एक विशेष रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। यह आयोजन विनय की स्मृति में आयोजित किया गया था, जिनकी शहादत ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस मौके पर उनकी पत्नी हिमांशी नरवाल पहली बार सार्वजनिक रूप से मीडिया के सामने आईं। उन्होंने परिजनों सहित रक्तदान कर अपने पति को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। शिविर में विनय के माता-पिता, बहन सृष्टि और अन्य परिजन भी मौजूद रहे। सभी की आंखें नम थीं, लेकिन दिल में विनय की याद को जीवंत रखने का संकल्प साफ नजर आया।
शिविर में आने वाले प्रत्येक रक्तदाता का पहले स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। जो लोग मेडिकल रूप से अयोग्य पाए गए, उनसे रक्त नहीं लिया गया। शिविर में करनाल ही नहीं, बल्कि आसपास के जिलों और दूरदराज़ के इलाकों से भी लोग पहुंचे।
हिमांशी नरवाल ने कहा – "हमें न्याय चाहिए"
हिमांशी नरवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हम नहीं चाहते कि किसी और के साथ वैसा हो, जैसा हमारे साथ हुआ। हम सिर्फ शांति चाहते हैं। जो आतंकी मासूमों की जान लेते हैं, उन्हें सजा मिलनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि विनय के जन्मदिन को यादगार और अर्थपूर्ण बनाने के लिए उन्होंने और उनके परिवार ने रक्तदान करने का फैसला किया, जो उनके लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि है।
भावनाओं से भरा माहौल, पूरे परिवार का आभार
विनय की बहन सृष्टि ने बताया कि यह शिविर विशेष रूप से उनके भाई के जन्मदिन पर आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि रक्तदान के लिए उमड़े लोगों ने यह साबित किया है कि विनय अकेले हमारे नहीं, बल्कि पूरे देश के सपूत थे। सृष्टि ने कहा, “हमारा परिवार हर उस व्यक्ति का आभारी है जो आज यहां आया और विनय की याद में रक्तदान किया।”
आतंकी हमले को लेकर आक्रोश, लेकिन संयमित माहौल
शिविर में भाग लेने आए कई लोगों ने पहलगाम में हुई आतंकी घटना को लेकर गहरा दुख और गुस्सा व्यक्त किया। सृष्टि नरवाल ने बताया कि लोगों में आक्रोश है, लेकिन सभी ने जिम्मेदारी के साथ अपनी भावनाओं को सकारात्मक रूप में दर्शाया और रक्तदान कर विनय को सम्मान दिया।
यह आयोजन विनय नरवाल की शहादत को नमन करने का एक प्रेरणादायक उदाहरण बन गया, जिसमें भावनाएं, देशभक्ति और इंसानियत तीनों का संगम देखने को मिला।
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