पंजाब के राज्यपाल और यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक ने मॉडल जेल, चंडीगढ़ में 5 नई परियोजनाओं का किया उद्घाटन
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 02 मई 2025। पंजाब के राज्यपाल और यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक ने शुक्रवार को मॉडल जेल, चंडीगढ़ का दौरा किया और 5 नई परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं के तहत जेल प्रशासन द्वारा कैदियों के पुनर्वास और सुधारात्मक कार्यक्रमों के लिए कई नई सुविधाओं की शुरुआत की गई है।
परियोजनाओं का विवरण:
कॉन्फ्रेंस हॉल:
जेल विभाग ने जेल परिसर में एक अत्याधुनिक कॉन्फ्रेंस हॉल स्थापित किया है। यह हॉल आंतरिक समन्वय बैठकें, अंतर विभागीय बैठकें, वर्चुअल कॉन्फ्रेंस, और प्रशिक्षण कार्यशालाओं के आयोजन के लिए इस्तेमाल होगा।
आधुनिक नियंत्रण कक्ष:
जेल में एक आधुनिक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जहां से चौबीसों घंटे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी की जाती है। यह कक्ष सुरक्षा बनाए रखने और दक्षता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
नर्सरी (मनोहर वाटिका):
जेल में एक नर्सरी स्थापित की गई है, जहां औषधीय और सजावटी पौधे लगाए गए हैं। इसके साथ ही, कैदियों को पौधों की देखभाल और उनके उपयोग के बारे में प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
जीव वाटिका:
जेल परिसर में एक जीव वाटिका स्थापित की गई है, जिसमें पक्षी रखे गए हैं। यह पहल कैदियों के भावनात्मक उपचार और पुनर्वास में मदद करेगी, और जेल के माहौल को करुणा और जिम्मेदारी की ओर ले जाएगी।
जिमनाज़ियम हॉल:
जेल के जिम को अपग्रेड किया गया है, जहां अब आधुनिक फिटनेस मशीनें और उपकरण लगाए गए हैं। इसका उद्देश्य कैदियों और कर्मचारियों की शारीरिक फिटनेस को बढ़ावा देना और उन्हें नशीले पदार्थों से दूर रखना है।
प्रशासक का संदेश:
इस अवसर पर यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक ने जेल अधिकारियों द्वारा किए गए पुनर्वास कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने कहा, "जेल प्रशासन को कैदियों के लिए और अधिक ईमानदारी से काम करना चाहिए ताकि उन्हें बेहतर माहौल मिल सके।" उन्होंने सुझाव दिया कि जेल में अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, जेल में फलों के पेड़ लगाए जाएं ताकि कैदी ताजे फल खा सकें, और जेल के खेतों में अधिक हरी सब्जियां उगाई जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि जेल में गौशाला स्थापित की जानी चाहिए ताकि कैदियों को शुद्ध दूध मिल सके।
इस अवसर पर राजीव वर्मा, आईएएस (मुख्य सचिव, यूटी चंडीगढ़), विवेक प्रताप सिंह, आईएएस (राज्यपाल पंजाब के प्रमुख सचिव), मनदीप सिंह बराड़, आईएएस (गृह सचिव, यूटी चंडीगढ़), राज कुमार सिंह, आईपीएस (डीपीजी, चंडीगढ़ पुलिस), डॉ. पालिका अरोड़ा, पीसीएस (एडिशनल आईजी जेल) और अन्य जेल अधिकारी भी मौजूद थे।
यह पहल न केवल जेल की सुविधाओं को बेहतर बनाएगी, बल्कि कैदियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में भी मददगार साबित होगी।
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