हरियाणा को राहत: भाखड़ा डैम से 4500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी देने पर केंद्र की बैठक में बनी सहमति, पंजाब को मिली चेतावनी
चंडीगढ, 03 मई। नई दिल्ली में भारत सरकार के गृह सचिव गोबिंद मोहन की अध्यक्षता में एक अहम बैठक आयोजित की गई, जिसमें हरियाणा और राजस्थान के कुछ हिस्सों में उत्पन्न गंभीर जल संकट के समाधान पर चर्चा हुई। इस उच्चस्तरीय बैठक में केंद्र सरकार, भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB), और साझेदार राज्य हरियाणा, पंजाब व राजस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य था — हरियाणा को 8 दिनों के लिए 4500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराने के BBMB के निर्णय को अमल में लाना।
बैठक में हरियाणा सरकार की ओर से सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल ने प्रदेश की ओर से पानी की तात्कालिक आवश्यकता को विस्तार से रखा। उनके मुताबिक हरियाणा के कई हिस्सों में जल संकट गहराता जा रहा है, जिसे देखते हुए तत्काल पानी छोड़ा जाना बेहद जरूरी है। बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी और ऊर्जा सचिव पंकज अग्रवाल भी उपस्थित रहे, जिन्होंने तकनीकी और प्रबंधन पक्षों से अपनी राय दी।
निर्णय और दिशा-निर्देश:
बैठक में यह सहमति बनी कि:
BBMB के निर्णय को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा और भाखड़ा डैम से हरियाणा के लिए 4500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी अगले 8 दिनों तक छोड़ा जाएगा।
BBMB पंजाब को आश्वस्त करेगा कि बांध भरने की अवधि के दौरान यदि पंजाब को अतिरिक्त पानी की जरूरत पड़े तो उसे प्राथमिकता पर दिया जाएगा।
BBMB शीघ्र ही एक विशेष बैठक बुलाएगा ताकि अतिरिक्त पानी की आपूर्ति को लेकर तकनीकी और प्रशासनिक कार्यान्वयन की रूपरेखा तैयार की जा सके।
बैठक में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया — केंद्रीय गृह सचिव ने पंजाब सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए कि वह भाखड़ा डैम पर तैनात पुलिस बल को हटाए, जिससे पानी की आपूर्ति में किसी तरह की बाधा न उत्पन्न हो।
राजनीतिक तापमान बढ़ा: विपुल गोयल की तीखी टिप्पणी
जहां एक ओर केंद्र और संबंधित एजेंसियां जल संकट के समाधान में जुटी हैं, वहीं हरियाणा में इस मुद्दे पर राजनीति भी तेज हो गई है। हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने पंजाब सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा,
"अगर पंजाब सरकार पानी के मुद्दे पर राजनीति करेगी, तो उसका हाल भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जैसा हो सकता है।"
गोयल ने कहा कि दिल्ली में पानी की भारी किल्लत से जनता त्रस्त है और अगर पंजाब ने इसी राह पर कदम बढ़ाया, तो उसे भी जनता के गुस्से का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि,
"जल संकट एक गंभीर और मानवीय मुद्दा है, इसे राजनीतिक लाभ के लिए हथियार बनाना जनता के साथ अन्याय है।"
इस बैठक ने स्पष्ट कर दिया कि जल प्रबंधन अब केवल प्रशासनिक नहीं, राजनीतिक प्राथमिकता भी बन गया है। हरियाणा को मिली यह अस्थायी राहत ज़रूरी थी, लेकिन यह भी संकेत है कि अगर जल बंटवारा और प्रबंधन पर दीर्घकालिक नीति नहीं बनी, तो आने वाले समय में पानी राज्यों के बीच टकराव का मुख्य कारण बन सकता है।
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