हरियाणा के जल संकट पर कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा की बैठक, अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश
जिलों में तैनात एसई, एक्सईन, एसडीओ और जेई को हेडक्वार्टर ना छोड़ने का निर्देश
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 1 मई — हरियाणा के जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं लोक निर्माण मंत्री रणबीर गंगवा ने आज जल संकट के समाधान के लिए जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के आला अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की। बैठक में, उन्होंने प्रदेश में पानी की कमी को लेकर सर्कल वाइज चर्चा की और अधिकारियों को हरियाणा के सभी जिलों में तैनात एसई, एक्सईन, एसडीओ और जेई को हेडक्वार्टर ना छोड़ने का निर्देश दिया।
पानी की आपूर्ति में सुधार के लिए निर्देश
गंगवा ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि पानी की आपूर्ति में किसी भी प्रकार की बाधा न आए और जहां पानी की कमी हो, वहां आस—पास की नहरों से पानी लिफ्ट कर आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही, उन्होंने स्वयं वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हर सप्ताह मॉनिटरिंग करने का निर्णय लिया।
पेयजल की आपूर्ति पर ध्यान केंद्रित
बैठक के दौरान जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हिसार, सिरसा, महेन्द्रगढ़, नारनौल और फतेहाबाद में पानी की स्थिति ज्यादा खराब है। इस पर गंगवा ने जल आपूर्ति के लिए अधिक कारगर कदम उठाने की सलाह दी।
पानी की राशनिंग और जागरूकता अभियान
बैठक में अधिकारियों ने यह भी बताया कि जिन जिलों में पानी की कमी है, वहां पेयजल की राशनिंग की जा रही है, ताकि हर इलाके को उचित समय पर जल आपूर्ति मिल सके। गंगवा ने इस दौरान पंचायतों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाने की अपील की, ताकि लोग पानी का सदुपयोग करें और जल संकट को बढ़ने से रोक सकें।
पंजाब से पानी रोकने का विरोध
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, गंगवा ने कहा कि पंजाब की तरफ से हरियाणा को मिलने वाले पानी में कटौती से प्रदेश में जल संकट गहरा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब, हरियाणा का बड़ा भाई है और हमें हमारा हक चाहिए, जो हमें दिया जाना चाहिए। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा इस मुद्दे को राजनीतिक स्टंट बनाने की आलोचना की और कहा कि पानी राजनीति का विषय नहीं होना चाहिए।
जल संकट के समाधान के लिए मुख्यमंत्री के प्रयास
गंगवा ने यह भी बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इस मामले को खुद मॉनिटर कर रहे हैं और समाधान की दिशा में जल्द कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में 11,567 ट्यूबवेल हैं, जो पेयजल आपूर्ति में सहायक हैं। नहरों से पानी लिफ्ट कर टैंकरों के जरिए पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
बैठक में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के इंजीनियरिंग इन चीफ आशीम खन्ना, देवेंद्र दहिया, टी आर पंवार, राजेंद्र सिंह, और प्रदीप पुनिया भी मौजूद थे।
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