₹2.5 करोड़ की डिजिटल गिरफ्तारी ठगी: चंडीगढ़ साइबर सेल ने तीन और साइबर ठग दबोचे, अब तक 11 गिरफ्तार
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 29 जून।
चंडीगढ़ साइबर क्राइम सेल ने डिजिटल गिरफ्तारी के नाम पर की गई ₹2.5 करोड़ की ठगी मामले में तीन और साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर इस हाई-प्रोफाइल मामले में अब तक गिरफ्तार आरोपियों की संख्या 11 कर दी है। गिरफ्तारी की यह कार्रवाई एसपी साइबर अपराध गीतांजलि खंडेलवाल, आईपीएस के पर्यवेक्षण, डीएसपी ए. वेंकटेश (दानिप्स) के मार्गदर्शन और एसएचओ ईरम रिज़वी के नेतृत्व में की गई।
चंडीगढ़ के सेक्टर 10ए की निवासी सुमित कौर को 3 मई 2025 को खुद को ट्राई अधिकारी बताकर एक कॉल आया, जिसमें कहा गया कि उनके सिम का दुरुपयोग हुआ है और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज है। इसके बाद उन्हें व्हाट्सएप वीडियो कॉल्स के जरिए खुद को सीबीआई अधिकारी, जेट एयरवेज के सीईओ, और सुप्रीम कोर्ट के जज बताने वाले लोगों ने डराया-धमकाया और दो फर्जी गिरफ्तारी वारंट दिखाकर ₹2.5 करोड़ की ठगी कर डाली।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अनुराग उर्फ विक्रांत पुत्र चमन सिंह (23 वर्ष), अभिजीत पुत्र स्वर्गीय ईश्वर सिंह (24 वर्ष) व प्रशांत कुमार पुत्र सोमपाल सिंह (20 वर्ष) के रूप में हुई।
आरोपी ऐसे फंसा रहे थे जाल में:
जांच के दौरान खुलासा हुआ कि आरोपी लोगों के केवाईसी दस्तावेजों का दुरुपयोग कर फर्जी बैंक खाते खुलवाते और ठगी में इस्तेमाल करते थे। प्रशांत कुमार को बिजनौर से पकड़ा गया, जिसने स्वीकार किया कि उसने ₹54,000 की एवज में एक फर्जी खाता खुलवाया था। उसकी निशानदेही पर अनुराग और अभिजीत को यूपी से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उन्होंने नासिक, मुंबई और भोपाल में नेटवर्क फैलाने की बात भी मानी। आरोपी प्रति खाता 15% कमीशन लेते थे।
बरामद सामान:
पुलिस इस जाल में शामिल अन्य लोगों की तलाश में छापेमारी कर रही है और जल्द ही पूरे नेटवर्क के भंडाफोड़ की संभावना है।
पुलिस की अपील:
एसएचओ ईरम रिज़वी ने लोगों को जागरूक करते हुए बताया कि कोई भी अधिकारी फोन या व्हाट्सएप पर पैसा या जानकारी नहीं मांगता। फर्जी गिरफ्तारी वारंट या अधिकारियों की वीडियो कॉल पर भरोसा न करें। कभी भी डर के चलते पैसे ट्रांसफर न करें। संदिग्ध कॉल आते ही साइबर हेल्पलाइन 1930 या नजदीकी पुलिस स्टेशन से संपर्क करें।
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