बिजली दरों को लेकर विपक्ष कर रहा है झूठा प्रचार, हमने मुफ़्त बिजली देने का वादा कभी नहीं किया: ऊर्जा मंत्री अनिल विज
विज बोले - बिजली दरों में मामूली बढ़ोतरी, लेकिन 94% उपभोक्ताओं को अभी भी मिल रही राहत, मोदी हैं तो मुमकिन है
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 30 जून 2025:
हरियाणा के ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने सोमवार को चंडीगढ़ में मीडिया से बातचीत के दौरान बिजली दरों में हुई बढ़ोतरी पर विपक्ष द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि, "हमने कभी नहीं कहा कि हम बिजली मुफ़्त में देंगे, विपक्ष इस मुद्दे पर जनता को गुमराह कर रहा है।" विज ने कहा कि बिजली की दरों में दस साल बाद मामूली बढ़ोतरी की गई है, जबकि इस दौरान उत्पादन लागत में कई गुना इज़ाफा हुआ है।
उन्होंने विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए कहा, "वो भाड़े के लोगों को लाकर जितने मर्जी प्रदर्शन करें, हमें कोई ऐतराज़ नहीं।"
दरों में राहत: 94% उपभोक्ताओं को फायदा
ऊर्जा मंत्री ने आंकड़ों के हवाले से बताया कि राज्य में 2 किलोवॉट तक के घरेलू उपभोक्ताओं के मासिक बिलों में 2014-15 की तुलना में 49 से 75% तक की कमी आई है। कुल घरेलू उपभोक्ताओं में से 94% उपभोक्ता श्रेणी-1 और श्रेणी-2 में आते हैं, जिनके अधिकांश बिलों में या तो कमी आई है या मामूली बढ़ोतरी हुई है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में फिक्स्ड चार्ज शून्य से ₹75/किलोवॉट तक है, जबकि पड़ोसी राज्यों में यह ₹110/किलोवॉट तक है। वहीं, ऊर्जा शुल्क अधिकतम ₹7.50/यूनिट रखा गया है, जो अन्य राज्यों से कम है।
एमएमसी समाप्त, किसानों को राहत जारी
विज ने जानकारी दी कि सभी श्रेणियों के लिए न्यूनतम मासिक शुल्क (MMC) समाप्त कर दिया गया है। वहीं कृषि उपभोक्ताओं को पहले की तरह ही 10 पैसे/यूनिट (मीटर्ड) और ₹15/बीएचपी/माह (फ्लैट रेट) पर बिजली दी जा रही है।
ऑपरेशन सिंदूर और मोदी सरकार की उपलब्धियां
प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं और फैसलों का बचाव करते हुए विज ने कहा कि, "मोदी जी ने जो कहा, वो करके दिखाया। अनुच्छेद 370 हटाया, तीन तलाक खत्म किया, राम मंदिर बनवाया, गरीबों को घर और मुफ्त अनाज दिया।"
उन्होंने हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ "ऑपरेशन सिंदूर" का हवाला देते हुए कहा, "पूरी दुनिया ने देखा, मोदी हैं तो मुमकिन है।"
बंगाल की राजनीति पर तीखी प्रतिक्रिया
बंगाल में हिंदूत्व पर खतरे के सवाल पर विज ने कहा कि वहाँ जातिवादी और धर्मवादी राजनीति हो रही है, जो भारतीय संविधान की भावना के खिलाफ है। उन्होंने जोर देकर कहा, "बहुत आए हिंदुओं को मिटाने वाले, लेकिन 'कुछ बात है कि हस्ती, मिटती नहीं हमारी, सदियों रहा है दुश्मन, दौर-ए-ज़माँ हमारा।'"
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