पंजाब के पास एक बूँद भी अतिरिक्त पानी नहीं, यह लड़ाई पंजाब का भविष्य तय करेगी
राजनीतिक लालच से ऊपर उठकर एकजुट होना समय की माँग, अकाली नेतृत्व ने पक्के इरादे से अगुवाई का भरोसा दिया
चंडीगढ़, — शिरोमणि अकाली दल के हितैषी नेतृत्व, जिनमें सरदार सुरजीत सिंह रखड़ा, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, सरदार परमिंदर सिंह ढींढसा, बीबी जगीर कौर और सरदार चरणजीत सिंह बराड़ शामिल हैं, ने हरियाणा को बीबीएमबी (भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड) से 8500 क्यूसिक अतिरिक्त पानी देने का कड़ा विरोध किया है। जारी बयान में अकाली दल के हितैषी नेतृत्व ने इसके लिए केंद्र और पंजाब सरकार दोनों को बराबर ज़िम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि जिस आधार पर यह पानी देने की वकालत हो रही है, वह पूरी तरह तथ्यहीन और भटकाने वाली है, क्योंकि चाहे खेती योग्य ज़मीन के रकबे की बात की जाए या जनसंख्या के आधार पर, हरियाणा के पास पहले ही अपनी ज़रूरत से अधिक पानी उपलब्ध है।
बयान में कहा गया कि पहले से तय रणनीति के तहत बीबीएमबी से पंजाब की स्थायी भागीदारी समाप्त की गई। अकाली नेतृत्व ने उस समय भी केंद्र के इस कदम और राज्य सरकार की नाकामी का कड़ा विरोध किया था। नेतृत्व ने कहा कि यह पंजाब की बदकिस्मती है कि जिस सत्ता पक्ष को पहरेदारी करनी थी, वह राजनीतिक लालच में हरियाणा में अपनी नेतृत्व की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएँ पूरी करने में व्यस्त रही।
अकाली दल के हितैषी नेतृत्व ने ज़ोर देकर कहा कि आज़ादी से लेकर अब तक किसी न किसी रूप में पंजाब के हकों और ज़रूरतों पर हमेशा डाका डाला जाता रहा है, और बीते दिन पंजाब के हिस्से के पानी को हरियाणा को देने की वकालत होना भी इसका ही प्रमाण है। साझा बयान में कहा गया कि यह पंजाब के जीवनाधार से जुड़ा अहम मुद्दा है। पंजाब के पास हरियाणा समेत किसी भी राज्य को देने के लिए एक बूँद भी अतिरिक्त पानी नहीं है। पंजाब के कई जिले पानी की भारी कमी का सामना कर रहे हैं। पहले ही ज़मीन के नीचे का जल स्तर डार्क ज़ोन में पहुँच चुका है। ऐसे में यह कदम पंजाब के लिए पूरी तरह अन्यायपूर्ण है।
हितैषी नेतृत्व ने कहा कि यह एक बेहद संवेदनशील मुद्दा है, जो पंजाब की आने वाली नस्लों के भविष्य से जुड़ा है। ऐसे मुद्दे पर राजनीतिक लालच के तहत राजनीति करने की बजाय एक साझा और ठोस मंच तैयार किया जाना चाहिए। अकाली नेतृत्व ने इस बड़े मुद्दे पर तमाम राजनीतिक, सामाजिक और किसान संगठनों से एक झंडे तले आने की अपील की। अकाली दल के हितैषी नेतृत्व ने पूरी प्रतिबद्धता के साथ भरोसा दिलाया कि यह पंजाब के नजरिए से कोई छोटा कदम नहीं है, और इसलिए अकाली दल का समर्पित नेतृत्व इसकी अगुवाई करने के लिए तैयार है।
kk
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