Himachal Pradesh: National Award to Dr. Shruti More : कुल्लू की डॉ. श्रुति मोरे भारद्वाज को राष्ट्रपति मुर्मू ने “राष्ट्रीय पुरस्कार 2025” से किया सम्मानित
Babushahi Network
नई दिल्ली/कुल्लू, 04 दिसंबर 2025 : हिमाचल प्रदेश और भारत में दिव्यांग अधिकारों के क्षेत्र के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है। कुल्लू से संबंध रखने वाली साम्फिया की संस्थापक एवं कार्यकारी निदेशक डॉ. श्रुति मोरे भारद्वाज को भारत के राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने “राष्ट्रीय पुरस्कार 2025” से सम्मानित किया है।
यह सम्मान अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय समारोह में प्रदान किया गया। डॉ. श्रुति को “दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्यरत सर्वश्रेष्ठ पुनर्वास पेशेवर” श्रेणी में चयनित किया गया है। यह पुरस्कार हिमाचल प्रदेश के दुर्गम और पर्वतीय क्षेत्रों में बच्चों की विकासात्मक विकलांगताओं के लिए उनके एक दशक से अधिक समय से किए जा रहे परिवर्तनकारी कार्य की मान्यता है।
एक दशक का परिवर्तनकारी नेतृत्व
मुंबई से कुल्लू आकर बाल पुनर्वास सेवाओं में आई भारी कमी को दूर करने वाली व्यावसायिक चिकित्सक (Occupational Therapist) डॉ. श्रुति ने कई नवोन्मेषी पहलें शुरू कीं, जिनमें प्रमुख हैं:
आश चाइल्ड डेवलपमेंट सेंटर – प्रारंभिक हस्तक्षेप, थैरेपी और विशेष शिक्षा की एकीकृत सेवाएँ
थैरेपी ऑन व्हील्स – ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों तक पहुँचने वाली मोबाइल पुनर्वास इकाई
DEIC सहयोग – क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू के District Early Intervention Center में RBSK कार्यक्रम हेतु तकनीकी सहयोग
इन सभी पहलों के केंद्र में माता-पिता की भागीदारी है, जिन्हें बच्चों का पहला और सबसे महत्वपूर्ण थेरेपिस्ट माना गया है।
डॉ. श्रुति का संदेश: दृष्टि, समर्पण और कृतज्ञता
सम्मान प्राप्त करने के बाद अपनी भावनाएँ व्यक्त करते हुए डॉ. श्रुति ने कहा—
“इस यात्रा में मुझे समुदायों, संस्थाओं और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के माता-पिता से अथाह समर्थन मिला है। माता-पिता ही अपने बच्चों के पहले और सबसे महत्वपूर्ण थेरेपिस्ट होते हैं — उनका धैर्य, शक्ति और प्रेम हमारे हर कदम की प्रेरणा है।
हमारी ‘आश’ पहल को AD Hydro Power Ltd. का सहयोग प्राप्त है।
‘थैरेपी ऑन व्हील्स’ परियोजना को IREDA (New Delhi) और NHPC चंबा द्वारा सशक्त बनाया गया है।
क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में DEIC के साथ हमारा पब्लिक–प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल इस क्षेत्र का गर्व है।
यह पुरस्कार मैं सबसे पहले अपने माता-पिता और उन सभी माता-पिता को समर्पित करती हूँ, जिन्होंने अपने बच्चों के भविष्य के लिए अदम्य साहस दिखाया।
साम्फिया में हमारा संकल्प है कि हम एक ऐसा समावेशी उपचार-इकोसिस्टम तैयार करें, जो पूरे देश के लिए एक मॉडल बन सके।”
साम्फिया के बारे में
साम्फिया हिमाचल प्रदेश में दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण, समावेशन और गुणवत्तापूर्ण पुनर्वास सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य कर रहा है। संगठन का विश्वास है कि भौगोलिक दूरी कभी भी सेवा-अधिकार में बाधा नहीं बननी चाहिए।
राष्ट्रीय सम्मान समारोह : विज्ञान भवन दिल्ली
देशभर से आए 2423 आवेदनों में से चयनित विजेताओं को यह सम्मान प्रदान किया गया।
कार्यक्रम में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार, सचिव वी. विद्यावती सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा
“ईश्वर हर व्यक्ति को किसी न किसी रूप में विशेष बनाता है। हमारा समाज तभी पूर्ण रूप से विकसित माना जाएगा, जब दिव्यांगजनों की समान भागीदारी सुनिश्चित हो। वे सिर्फ संवेदनशीलता के पात्र नहीं, बल्कि हर क्षेत्र में बराबरी के साझेदार हैं।”
(SBP)
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