बड़ा U-Turn : पंजाब यूनिवर्सिटी पर बवाल थमा, छात्रों के दबाव में झुका नेता, कहा- 'नाम नहीं बदलेगा'
31 मई 2025 : पंजाब यूनिवर्सिटी के नाम को बदलकर "पंजाब और हरियाणा यूनिवर्सिटी" रखने की मांग अब टलती नजर आ रही है। छात्र संगठन के अध्यक्ष अनुराग दलाल, जिन्होंने हाल ही में वाइस चांसलर को पत्र लिखकर नाम बदलने का प्रस्ताव रखा था, अब छात्रों के भारी विरोध के बाद अपना फैसला वापस ले लिया है।
अनुराग दलाल ने टेलीफोन पर बातचीत में स्पष्ट किया, “मैं अब इस मुद्दे पर अपनी मांग वापस ले रहा हूं। छात्रों की भावनाओं और विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक विरासत का सम्मान करते हुए यह निर्णय लिया गया है।”
पूरा मामला क्या था? जानिए विवाद की शुरुआत से अब तक की पूरी कहानी
30 मई 2025 को छात्र अध्यक्ष द्वारा पत्र:
पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस स्टूडेंट काउंसिल के अध्यक्ष अनुराग दलाल ने विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने सुझाव दिया कि यूनिवर्सिटी का नाम बदलकर “पंजाब और हरियाणा यूनिवर्सिटी” कर दिया जाए, ताकि दोनों राज्यों को प्रतिनिधित्व मिल सके।
छात्रों का जोरदार विरोध:
जैसे ही यह बात सार्वजनिक हुई, यूनिवर्सिटी में छात्रों ने इस मांग का जोरदार विरोध करना शुरू कर दिया। सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाया गया, कैंपस में विरोध प्रदर्शन भी हुए। छात्रों का कहना था कि पंजाब यूनिवर्सिटी पंजाब की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत है, और इसका नाम बदलना पंजाब की पहचान मिटाने जैसा होगा।
इतिहास से जुड़ा संबंध:
छात्रों और शिक्षकों ने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी लाहौर से चंडीगढ़ तक का सफर तय कर चुकी है। यह सिर्फ एक शिक्षा संस्थान नहीं, बल्कि पंजाब के चंडीगढ़ पर दावे की भी सांस्कृतिक नींव है।
राजनीतिक रंग भी चढ़ा:
कई छात्रों ने इस मुद्दे को केंद्र सरकार के एजेंडे से जोड़ते हुए कहा कि यह केंद्रपक्षीय सोच का नतीजा है, जो पंजाब विरोधी निर्णयों को बढ़ावा देती है।
अब क्या?
अनुराग दलाल के कदम पीछे खींचने के बाद छात्रों में कुछ राहत जरूर है, लेकिन यह मामला अभी भी विश्वविद्यालय की साख और पहचान से जुड़ा हुआ बना हुआ है। अब सभी की निगाहें विश्वविद्यालय प्रशासन और राज्य सरकार पर टिकी हैं कि वे इस मुद्दे को स्थायी रूप से कैसे सुलझाते हैं।
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