MP राजेंद्र गुप्ता ने उठाई आवाज: 'Early Childhood Education' बने संवैधानिक हक; आंगनवाड़ी सिस्टम भी हो मजबूत (Watch Video)
Babushahi Bureau
13 दिसंबर 2025 : राज्यसभा सांसद पद्मश्री राजिंदर गुप्ता ने राज्यसभा में सुश्री सुधा मूर्ति द्वारा पेश किए गए प्राइवेट मेंबर रेजोल्यूशन का पुरजोर समर्थन किया, जिसमें अनुच्छेद 21बी जोड़कर 3 से 6 वर्ष तक के सभी बच्चों को निशुल्क एवं अनिवार्य प्रारंभिक बाल्यावस्था की देखभाल और शिक्षा (ई.ई.सी.ई) का संवैधानिक अधिकार देने का प्रस्ताव है। गुप्ता ने इस पहल को “समय की मांग और वैज्ञानिक दृष्टि से अत्यंत आवश्यक” बताते हुए कहा कि बच्चे के मस्तिष्क का 85% विकास छह वर्ष की आयु तक हो जाता है, इसलिए शुरुआती वर्षों की शिक्षा और देखभाल अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि भारत की आंगनवाड़ी व्यवस्था, जो इस वर्ष अपने 50 वर्ष पूरे कर रही है, 1975 में शुरू हुए 33 पायलट केंद्रों से बढ़कर आज 13.96 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों का विशाल नेटवर्क बन चुकी है। इसके बावजूद आधारभूत ढांचे की कमी सेवा की गुणवत्ता को प्रभावित कर रही है। लगभग 3.58 लाख केंद्र अभी भी किराए या अस्थायी स्थानों से संचालित होते हैं। बड़ी संख्या में आंगनवाड़ी केंद्रों में पाइप से जलापूर्ति, शौचालय, रसोई और सौर ऊर्जा जैसी आवश्यक सुविधाओं का अभाव है।
गुप्ता ने कहा कि इन सीमित संसाधनों के बावजूद आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर पोषण, टीकाकरण, प्रारंभिक शिक्षा, घर घर जाना और सामुदायिक जागरूकता जैसे 20 से अधिक दायित्व हैं। इसके साथ ही कई बार उन्हें चुनावी कार्यों और सर्वेक्षणों का अतिरिक्त बोझ भी उठाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यदि ई.ई.सी.ई को संवैधानिक अधिकार बनाया जाता है, तो सबसे पहले आंगनवाड़ी कार्यक
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