चौतरफा महंगाई की मार मारने के बाद बीजेपी ने डिपो के जरिए भी गरीबों से लूट की शुरू- हुड्डा
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 2 जुलाई । पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जनता पर चौतरफा महंगाई की मार मारने के बाद बीजेपी ने अब डिपो के जरिए भी गरीबों से लूट शुरू कर दी है। क्योंकि सरकार ने बीपीएल परिवारों को मिलने वाले सरसों के तेल का रेट 40 से बढ़ाकर सीधे 100 रुपये कर दिया है। यानी दोगुने से भी ज्यादा बढ़ोत्तरी कर दी गई है। हुड्डा ने गरीब परिवारों को मिलने वाले सरसों तेल के दाम में हुई भारी भरकम बढ़ोत्तरी को भी वापिस लेने की मांग करी है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने दाम बढ़ाकर 46.43 लाख परिवारों की जेब पर डाका डाला है। इसके चलते 1.86 करोड़ लोगों पर महंगाई की मार पड़ी है। कुछ दिन पहले ही इस सरकार ने लोगों को महंगी बिजली का झटका दिया और अब तेल की मार मारी है। कांग्रेस सरकार के दौरान गरीबों को अनाज, दाल, चीनी, सरसों और मिट्टी का तेल डिपो के जरिए बांटा जाता था। लेकिन बीजेपी ने सत्ता में आते ही गरीब कल्याण की इस योजना को रोक दिया। इसे मात्र अनाज तक सीमित कर दिया और सरसों के तेल पर भारी वसूली शुरू कर दी। यह गरीब जनता के साथ ज्यादती है, जो बंद होनी चाहिए।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि हरियाणा में बीपीएल कार्ड बनाने को लेकर भी करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है। इस घोटाले के जरिये ही बीजेपी ने प्रदेश में जनमत की लूट को अंजाम दिया है। क्योंकि पहले बीजेपी ने परिवार पहचान पत्र लागू करके लाखों लोगों के बीपीएल कार्ड काट दिए। फिर चुनाव नजदीक आते ही आनन-फानन में लाखों बीपीएल कार्ड बनाए गए। उन लोगों के भी कार्ड बना दिए गए, जो इसके लिए अपात्र थे।
इतना ही नहीं नए कार्ड बनाते हुए बीजेपी ने चुनाव के दौरान जनता के बीच भ्रम फैलाया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो इन राशन कार्डों को रद्द कर देगी। इस भय और भ्रम में लाखों लोगों ने बीजेपी को वोट किया। लेकिन तीसरी बार सरकार बनते ही भाजपा ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया। अब रोज हजारों परिवारों के बीपीएल कार्ड काटे जा रहे हैं। उन लोगों के भी कार्ड काटे जा रहे हैं, जो गरीबी रेखा से नीचे हैं।
सरकार ने खुद माना है कि बीपीएल कार्ड बनाने के नाम पर बड़ा गड़बड़झाला हुआ है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि इस घोटाले को किसने अंजाम दिया? किसके इशारे पर करोड़ों की लूट व जनमत के साथ धांधली की गई? उन लोगों पर क्या कार्रवाई हुई? इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। साथ ही उन परिवारों के राशन कार्ड वापिस बनने चाहिए, जो गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर कर रहे हैं।
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