HSVP में 68 करोड़ रुपये के गबन का बड़ा मामला, ACB पंचकूला ने तीन आरोपी किए गिरफ्तार
बैंक अधिकारियों की भूमिका भी जांच के घेरे में, फर्जी खाते से करोड़ों की हेराफेरी
रमेश गोयत
पंचकूला, 1 जुलाई 2025:
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचसवीपी), पंचकूला में हुए करोड़ों के घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो पंचकूला ने रविवार (30 जून) को बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनकी पहचान विजय कुमार पुत्र फकीर चंद, मनोज कुमार सिंगला पुत्र तरसेम चंद और सुनील गर्ग पुत्र शीशपाल के रूप में हुई है, जो सभी प्राइवेट व्यक्ति हैं और सेक्टर-20, पंचकूला की सनसिटी परिक्रमा सोसाइटी के निवासी हैं।
एसीबी के मुताबिक, इन तीनों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में जांच के दौरान पुख्ता सबूत मिले, जिसके आधार पर गिरफ्तारी की गई। सोमवार को तीनों आरोपियों को पंचकूला अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड की मांग की गई।
68 करोड़ रुपये की अवैध ट्रांजैक्शन का मामला
जांच में सामने आया कि वर्ष 2015 में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, पंचकूला के उच्च अधिकारियों की अनुमति के बिना साजिश के तहत पंजाब नेशनल बैंक, मनीमाजरा (चंडीगढ़) में एक अवैध खाता (नंबर 1183002100026639) खोला गया। इस खाते में 2015 से 2019 तक सरकारी धनराशि – जिसमें 22 करोड़ रुपये एलएओ कार्यालय गुरुग्राम से और 46 करोड़ रुपये HUDA पंचकूला से कुल मिलाकर करीब 68 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए।
तत्कालीन वरिष्ठ लेखा अधिकारी सुनील बंसल ने रिटायरमेंट से ठीक एक दिन पहले, 27 फरवरी 2019 को इस खाते को बंद करवा दिया।
फर्जी खातों में बंटे करोड़ों रुपये
तफ्तीश में सामने आया कि: मनोज सिंगला के खाते में लगभग ₹7 करोड़, सुनील गर्ग के खाते में लगभग ₹5.88 करोड़, विजय कुमार के खाते में लगभग ₹5 करोड़ कुल मिलाकर करीब ₹17.88 करोड़ इस फर्जी खाते से ट्रांसफर किए गए। इसके अलावा, इन आरोपियों की दो कंपनियों के एचडीएफसी बैंक, जीरकपुर शाखा में भी करीब ₹4 करोड़ की राशि ट्रांसफर होना पाई गई है।
बैंक कर्मियों की भूमिका भी शक के घेरे में
एसीबी ने इस मामले में पंजाब नेशनल बैंक, मनीमाजरा के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर और अन्य बैंक कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच शुरू कर दी है।
यह मामला थाना सेक्टर-7, पंचकूला में केस नंबर 116, दिनांक 7 मार्च 2023 को भारतीय दंड संहिता की धाराएं 420, 467, 468, 471 और 120-बी के तहत दर्ज किया गया था, जिसकी जांच नवंबर 2023 में एसीबी पंचकूला को सौंपी गई थी।
एसीबी सूत्रों के अनुसार इस घोटाले में और भी सरकारी व बैंक अधिकारियों की संलिप्तता सामने आ सकती है। पूरे ट्रांजेक्शन नेटवर्क और पैसों की हेराफेरी की परतें खोलने के लिए जांच तेज़ी से जारी है।
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