साइबर ठगी के तीन बड़े मामलों का पर्दाफाश, चंडीगढ़ पुलिस ने गुजरात से पांच आरोपी किए गिरफ्तार
— करोड़ों की ऑनलाइन धोखाधड़ी में मिली सफलता, आरोपियों के पास से बैंक खातों और दस्तावेजों के सुराग बरामद
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 2 जुलाई —
साइबर अपराध थाना, यूटी चंडीगढ़ ने करोड़ों की ऑनलाइन ठगी के तीन बड़े मामलों को सुलझाते हुए गुजरात से पांच शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। ये कार्रवाई एसपी साइबर अपराध गीतांजलि खंडेलवाल (आईपीएस) के नेतृत्व में, डीएसपी ए. वेंकटेश और एसएचओ ईरम रिज़वी के निर्देशन में की गई।
गिरफ्तार आरोपियों में धर्मेंद्र सिंह, ठाकोर गौतम मावाजी, पटेल हिरेनकुमार मुकेशकुमार, वाघेला प्रफुल्ल, और माधव प्रजापति शामिल हैं, जिन पर ₹1.5 करोड़ से अधिक की ठगी के आरोप हैं।
तीन अलग-अलग शिकायतों में दर्ज की गई थी एफआईआर
एफआईआर नं. 22, दिनांक 28 मार्च 2025:
शिकायतकर्ता कनव खन्ना (सेक्टर 21ए, चंडीगढ़) से “ब्लैकरॉक इन्वेस्टमेंट इंस्टीट्यूट” नामक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर डीमैट ट्रेडिंग के नाम पर ₹1.08 करोड़ की ठगी की गई। शुरुआती लाभ दिखाकर विश्वास अर्जित किया गया और बाद में टैक्स व अन्य शुल्कों के नाम पर रकम ऐंठी गई।
जांच में पाया गया कि ₹49 लाख माधव प्रजापति के नाम बैंक खाते में ट्रांसफर हुए, जिसे उसने ₹20,000 कमीशन लेकर दूसरों को सौंप दिया था।
एफआईआर नं. 21, दिनांक 26 मार्च 2025:
शिकायतकर्ता सतिंदरपाल सिंह चहल (सेक्टर 40, चंडीगढ़) को फर्जी पार्सल में ड्रग्स मिलने का डर दिखाकर स्काइप कॉल के जरिए बैंक डिटेल्स ली गईं। आरोपियों ने आईसीआई बैंक से ₹10 लाख का लोन लेकर ₹9.76 लाख पंजाब नेशनल बैंक खाते में ट्रांसफर कर लिए। गुजरात के मेहसाणा जिले से गौतम मावाजी और हिरेनकुमार पटेल को गिरफ्तार किया गया।
एफआईआर नं. 39, दिनांक 19 अप्रैल 2025:
विकास शर्मा (मनीमाजरा निवासी) से एक ग्रुप के जरिए ऑनलाइन टास्क और रिटर्न का लालच देकर ₹20.88 लाख की ठगी की गई। पीड़ित से बार-बार शुल्क मांगे गए और अंत में धोखेबाजों ने उसे ब्लॉक कर दिया।
इस मामले में आरोपी वाघेला प्रफुल्ल को भरूच से गिरफ्तार किया गया, जिसके खाते में ₹32,740 की ट्रांजैक्शन की पुष्टि हुई है।
पुलिस की अपील और चेतावनी
एसएचओ ईरम रिज़वी साइबर थाना
चंडीगढ़ पुलिस ने जनता को सावधान करते हुए कहा है कि किसी भी अज्ञात कॉल, व्हाट्सएप/टेलीग्राम ग्रुप या निवेश योजनाओं से सतर्क रहें।
फर्जी अधिकारी बनकर डराने, गिरफ्तारी के नाम पर पैसे मांगने या वीडियो कॉल से धमकाने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।
संदिग्ध कॉल या मैसेज की जानकारी तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 या नजदीकी थाने में दें।
जांच जारी, और गिरफ्तारियां संभव
पुलिस द्वारा ठगी गई राशि की वसूली, फर्जी खातों को फ्रीज करने और शेष आरोपियों की पहचान के लिए जांच जारी है।
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