हरियाणा मंत्रिमंडल ने खनन नियम 2012 में संशोधन को प्रदान की स्वीकृति
मुआवजा प्रक्रिया को बनाया सरल, पत्थर और रेत पर रॉयल्टी बढ़ाई
रमेश गोयत
चंडीगढ़ 26 जून - हरियाणा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहाँ आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा लघु खनिज रियायत, भण्डारण, खनिजों का परिवहन तथा अवैध खनन रोकथाम नियम, 2012 में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई।
संशोधन के तहत , किसानों को मुआवजा और रेंट प्रदान करने की प्रक्रिया को अधिक सुगमता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सरल बनाया गया है। इसके अतिरिक्त, पत्थर और रेत के लिए रॉयल्टी दरों में संशोधन किया गया है।
पत्थर की रॉयल्टी 45 रुपये से बढ़ाकर 100 रुपये प्रति टन की गई है, जबकि रेत की रॉयल्टी को 40 रुपये से बढ़ाकर 80 रुपये प्रति टन किया गया है।
बैठक में अंतर-राज्यीय खनिज परिवहन शुल्क लिए जाने को भी मंजूरी प्रदान की गई है। खनिजों के अंतर-राज्यीय परिवहन के लिए 100 रुपये प्रति टन का शुल्क लगाया जाएगा। यदि ई-ट्रांजिट में गंतव्य हरियाणा के भीतर है, तो अंतर-राज्यीय पारगमन शुल्क 100 रुपये निर्धारित किया गया है, और यदि ई-ट्रांजिट में गंतव्य हरियाणा के बाहर कहीं भी है, तो 20 रुपये निर्धारित किया गया है।
इन नियमों को हरियाणा लघु खनिज रियायत, खनिजों का भण्डारण, परिवहन एवं अवैध खनन निवारण नियम (संशोधन) नियम, 2025 कहा जाएगा।
क्रमांक – 2025
चंडीगढ़, 26 जून- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में शहरी स्थानीय निकाय विभाग के लिए “हरियाणा रैशनलाईजेशन आयोग” की सिफारिशों को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई।
हरियाणा सरकार द्वारा 28 मार्च 2023 को रैशनलाईजेशन आयोग का गठन विभिन्न सरकारी विभागों में पदों के पुनर्गठन की सिफारिशों हेतु किया गया था। इस आयोग का उद्देश्य सरकारी इकाइयों को अधिक कुशल, पारदर्शी और जन आवश्यकताओं व भविष्य की मांगों के अनुरूप बनाना है।
आयोग ने शहरी स्थानीय निकाय विभाग सहित हरियाणा राज्य के 16 सरकारी विभागों और अन्य संस्थाओं से संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत की हैं। सरकार ने निर्णय लिया है कि शुरुआत में “रैशनलाईजेशन आयोग” की सिफारिशों को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पांच विभागों—जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, खनन एवं भूविज्ञान विभाग, बागवानी विभाग तथा शहरी स्थानीय निकाय विभाग में लागू किया जाएगा।
राज्य सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए प्रदेश की सभी नगरपालिकाओं में पदों का युक्तिकरण करते हुए उन्हें वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप करने का निर्णय लिया है। प्रदेश की कुल 87 नगरपालिकाओं में पदों की स्वीकृत संख्या को 31,533 से बढ़ाकर 36,381 कर दिया गया है, जिससे कुल 4,848 नए पदों की वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त, शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय, हरियाणा में वर्तमान में स्वीकृत 195 पदों की संख्या बढ़ाकर 335 की गई है।
नगरपालिकाओं में ग्रुप-डी (जिसमें सफाई कर्मचारी भी शामिल हैं) के मौजूदा 27,223 पद यथावत रखे गए हैं। इसके अलावा अभियंत्रिकी, स्वच्छता, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), कराधान आदि क्षेत्रों में नए पदों का सृजन किया गया है।
यह रैशनलाईजेशन प्रयास नगरपालिकाओं को सेवाओं में गुणवत्ता सुधारने, विकास परियोजनाओं के शीघ्र क्रियान्वयन, सफाई कार्यों को बेहतर करने और सामाजिक अवसंरचना, जलापूर्ति, स्ट्रीट लाइटिंग व अर्बन मोबिलिटी को बढ़ावा देने में सक्षम बनाएगा। इससे नगरपालिकाएं जन शिकायतों का शीघ्र निवारण कर सकेंगी, जिससे शिकायतों में कमी आएगी और नागरिकों की संतुष्टि व प्रसन्नता में वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त, नगरपालिकाओं को लगभग 1100 करोड़ रुपये वार्षिक अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने की संभावना है।
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