हरियाणा सरकार का वीर सैनिकों को सम्मान: युद्ध हताहतों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति नीति में छूट को मंजूरी
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 26 जून 2025:
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में वीरता और बलिदान की मिसाल बने युद्ध हताहतों के आश्रितों के हित में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। कैबिनेट ने अनुकंपा नियुक्ति नीति में समय सीमा की बाध्यता में छूट देते हुए, सात आश्रितों को नौकरियों का रास्ता साफ किया है।
हरियाणा सरकार की 30 मई, 2014 की अनुकंपा नीति के तहत, युद्ध या आतंकवाद में शहीद हुए सैनिकों के आश्रितों को मृतक के पद के आधार पर ग्रुप B, C या D में नियुक्ति का प्रावधान है, लेकिन इसके लिए तीन वर्षों के भीतर आवेदन जरूरी था।
विभिन्न आश्रितों ने यह समय सीमा चूक जाने के कारण आवेदन नहीं कर सके थे।
सरकार को इस संबंध में कई अभ्यावेदन प्राप्त हुए थे, जिसके बाद कल्याण और न्याय के मूल्यों को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट ने छूट की मंजूरी दी।
किन्हें मिला लाभ:
इस फैसले से 7 युद्ध हताहतों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति का रास्ता मिला:
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हरपाल सिंह – सिपाही जिले सिंह (2006, ऑपरेशन रक्षक)
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संदीप गौतम – कांस्टेबल सुजीत कुमार (2004, बीएसएफ)
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कुमारी ममता – कांस्टेबल रोहताश कुमार (1997, बीएसएफ)
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कुमारी रितु – कांस्टेबल दिलबाग सिंह (2001, बीएसएफ)
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सोनू यादव – लांस नायक रामजस यादव (1990, सीआरपीएफ, असम में उग्रवाद)
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तरुण – सिपाही भूपेंद्र सिंह (2002, ऑपरेशन रक्षक)
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नागेंद्र – हवलदार राम कुमार (कारगिल, ऑपरेशन विजय)
इसके अलावा, श्री भगत सिंह, आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद देवेंद्र भाटी के भाई को भी नीति में विशेष छूट के तहत नियुक्ति देने की मंजूरी दी गई।
सरकार का रुख:
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि "हमारे सैनिकों का बलिदान राष्ट्र की सुरक्षा की बुनियाद है। उनका सम्मान करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। यह निर्णय उन परिवारों के प्रति हमारी संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो देश के लिए अपने प्रियजनों को खो चुके हैं
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