हरियाणा कैबिनेट का बड़ा फैसला: मानसिक व शारीरिक विकलांग आश्रित बच्चों को मिलेगा पारिवारिक पेंशन का लाभ
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 26 जून 2025:
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में "हरियाणा सम्बद्ध महाविद्यालय (पेंशन एवं अंशदायी भविष्य निधि) नियम, 1999" में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई। यह नियम 2001 में पहले भी संशोधित किए गए थे और अब उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर पुनः संशोधित किए गए हैं।
नया संशोधन:
नवीन संशोधन के तहत नियम 15 के उप-नियम 3(1) में एक नया खंड (एच) जोड़ा गया है, जिसके अनुसार अब—
"मानसिक विकार या विकलांगता से पीड़ित पुत्र एवं पुत्री या शारीरिक रूप से अपंग या विकलांग संतान, चाहे उनकी उम्र कुछ भी हो, यदि वे कर्मचारी के जीवनकाल में उस पर पूर्ण रूप से आश्रित रहे हों,"
— ऐसे आश्रितों को भी पारिवारिक पेंशन का लाभ मिलेगा।
क्या है महत्व:
-
यह संशोधन समाज के वंचित वर्गों को सामाजिक सुरक्षा की परिधि में लाता है।
-
अब सहायता प्राप्त निजी प्रबंधित महाविद्यालयों के कर्मचारियों के विकलांग बच्चों को आयु सीमा या तकनीकी बाधाओं के कारण वंचित नहीं किया जाएगा।
-
यह संशोधन हरियाणा सरकार के नियमित कर्मचारियों के नियमों के समान होगा, जिससे समानता और न्यायसंगत पेंशन वितरण सुनिश्चित होगा।
कैबिनेट के इस निर्णय से:
-
सरकारी सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के कर्मचारियों के परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी।
-
समावेशी और सहानुभूतिपूर्ण नीतिगत दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलेगा।
-
राज्य के सामाजिक न्याय व कल्याण प्रयासों को मजबूती मिलेगी।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →