हाथ खड़े करके मेयर चुनाव का तरीका लोकतंत्र के खिलाफ – RTI एक्टिविस्ट आरके गर्ग
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 26 जून 2025: आरटीआई एक्टिविस्ट आरके गर्ग ने चंडीगढ़ नगर निगम में मेयर चुनाव की प्रक्रिया में बदलाव को लेकर कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने हाथ खड़े करके मतदान करवाने की प्रक्रिया को गैर लोकतांत्रिक करार दिया है और इसे पारदर्शिता तथा जनप्रतिनिधियों के अधिकारों के खिलाफ बताया।
गर्ग ने कहा कि, “2024 में जो विवाद हुआ, वह काउंसलर्स की गलती नहीं थी, बल्कि रिटर्निंग ऑफिसर की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे थे। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और अंततः न्यायालय ने चुनाव को वैध ठहराया। लेकिन 2025 में मेयर चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। इससे यह साबित होता है कि सही प्रक्रिया अपनाई जाए तो विवाद की कोई गुंजाइश नहीं रहती।”
उन्होंने कहा कि 2026 में होने वाला चुनाव इस परिषद का अंतिम चुनाव होगा और उसे भी उसी तरह शांतिपूर्वक कराया जा सकता है, बशर्ते चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती जाए। “हाथ खड़े करने की प्रक्रिया से लोकतांत्रिक मूल्य – गुप्त मतदान – खत्म हो जाता है, साथ ही यह भी दर्शाता है कि हमें अपने ही चुने हुए प्रतिनिधियों पर भरोसा नहीं है,” गर्ग ने कहा।
आरके गर्ग ने सुझाव दिया कि यदि किसी प्रकार की खरीद-फरोख्त का डर है, तो ‘डिफेक्शन लॉ’ की तर्ज पर नगर निगम में भी सख्त नियम बनाए जा सकते हैं। लेकिन लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करना उचित नहीं है।
उन्होंने प्रशासन से अपील की कि वह चुनाव कराने की प्रक्रिया को मजबूत बनाए और स्पेशल कमिश्नर तथा इलेक्टोरल ऑफिसर आपस में समन्वय कर चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न कराएं।
गर्ग ने स्पष्ट किया कि चुनाव में कौन जीते, कौन हारे, यह विषय नहीं है, बल्कि प्रक्रिया की शुद्धता और लोकतांत्रिक विश्वास बनाए रखना ही सबसे महत्वपूर्ण है।
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