बेरोजगारों को जानबूझकर प्रताड़ित कर रही है बीजेपी- हुड्डा
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 26 जून। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि बीजेपी जानबूझकर बेरोजगार युवाओं को प्रताड़ित कर रही है। अब तक हर भर्ती में गड़बड़झाले और घोटाले करने वाली सरकार, अब भर्ती के फॉर्म अप्लाई करने में भी खिलवाड़ कर रही है। पिछले दो कार्यकाल के दौरान अभ्यार्थियों ने लगभग हर भर्ती को कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर पूरा करवाना पड़ा था। और अब उन्हें सीईटी का फॉर्म भरने के लिए भी हाई कोर्ट का रुख करना पड़ा है।
क्योंकि सरकार ने ग्रुप-सी पदों के लिए होने वाले कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट के आवेदन तो मांग लिए। लेकिन सरल पोर्टल ठप होने के चलते अभ्यर्थी अनुसूचित, जाति पिछड़ा वर्ग समेत अन्य सर्टिफिकेट बनवा ही नहीं पाए। इसलिए आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को भी मजबूरी में सामान्य वर्ग के भीतर आवेदन करना पड़ा। ऐसे में सरकार को खुद चाहिए था कि वह अपनी पोर्टल व्यवस्था को दुरुस्त करती और सीईटी के लिए अप्लाई करने की तारीख को आगे बढ़ा देती। लेकिन बीजेपी की मंशा कभी भी युवाओं को नौकरी देने की रही ही नहीं।
इसलिए युवाओं को फॉर्म भरने के लिए भी अब हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है। युवाओं ने सीईटी पंजीकरण के लिए 15 दिन का समय देने की मांग करी है। साथ ही अभ्यर्थियों ने नॉर्मलाइजेशन पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि नॉर्मलाइजेशन की बजाय एक ही शिफ्ट में सीईटी होना चाहिए ताकि सभी को समान पेपर मिले।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि इस पूरे घटनाक्रम से बीजेपी की पोर्टल सरकार व भर्ती प्रक्रिया दोनों की पोल खुल गई है। कांग्रेस सरकार ने ऑनलाइन सुविधाओं की शुरुआत की थी। इसका मक़सद तमाम सरकारी विभागों व सेवाओं से लेकर पंचायतों तक को ऑनलाइन करके जनता को घर बैठे एक क्लिक पर सुविधाएं उपलब्ध करवाना था। लेकिन बीजेपी ने इन ऑनलाइन सेवाओं का पूरा सिस्टम ही उल्टा कर डाला। ऑनलाइन काम करवाने के लिए भी लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। फिर भी यह काम समय पर पूरे नहीं होते, क्योंकि जरूरत के टाइम पोर्टल ठप हो जाते हैं।
हुड्डा ने कहा कि सीईटी को जानबूझकर बरसों से लटकाया जा रहा है। अब फॉर्म अप्लाई करवाया गया तो उसमें भी सोची समझी प्लानिंग के तहत गड़बड़ी छोड़ दी गई। ताकि हमेशा की तरह मामला कोर्ट में चला और सरकार को भर्तियां लटकाने व इन्हें चुनावों तक खींचने का बहना मिल जाए। पिछले 5 साल में इस सरकार ने यही खेल किया। जानबूझकर भर्तियों का रिजल्ट रोका गया। बेरोजगार युवाओं व उनके परिवारों को ब्लैकमेल करके उनका वोट लिया गया और अब सरकार बनाने के बाद फिर से वही खेल शुरू कर दिया गया।
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