फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र घोटाला: चंडीगढ़ एसएससी कार्यालय में हाईकोर्ट के आदेश पर 13 लोगों पर केस दर्ज, 8 हरियाणा से
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 26 जून 2025
कर्मचारी चयन आयोग उत्तर पश्चिमी क्षेत्र, चंडीगढ़ में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्रों के सहारे सरकारी नौकरी पाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर चंडीगढ़ पुलिस ने इस मामले में 13 लोगों के खिलाफ थाना सेक्टर-3 में आपराधिक मामला दर्ज कर लिया है। इन 13 आरोपियों में से 8 युवक हरियाणा के रहने वाले हैं।
इस केस को लेकर हाईकोर्ट ने 11 मार्च 2025 को आदेश जारी किए थे। अब इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आगे की जांच शुरू कर दी है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार करने की तैयारी चल रही है।
क्या है मामला?
एसएससी (उत्तर पश्चिमी क्षेत्र), चंडीगढ़ के अंडर सेक्रेटरी धीरज कुमार रंजन ने थाना सेक्टर-3 पुलिस को शिकायत दी थी, जिसमें बताया गया कि एसएससी के जरिए भारत सरकार के मंत्रालयों, विभागों और अधीनस्थ कार्यालयों में भर्ती प्रक्रिया के दौरान कुछ अभ्यर्थियों ने फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर आरक्षण का अनुचित लाभ उठाया।
जांच में यह सामने आया कि इन अभ्यर्थियों द्वारा जमा किए गए दिव्यांग प्रमाण पत्र न तो सरकारी अस्पतालों से जारी किए गए थे और न ही इनमें कोई मेडिकल बोर्ड की पुष्टि थी। हाईकोर्ट के संज्ञान लेने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया।
दर्ज हुआ मामला
थाना सेक्टर-3 पुलिस ने इन सभी आरोपियों पर धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी नौकरी में फर्जीवाड़े की धाराओं में मामला दर्ज किया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह भी जांच की जा रही है कि इन अभ्यर्थियों को इस फर्जीवाड़े में किसने मदद की — क्या इसके पीछे कोई संगठित गिरोह है या यह व्यक्तिगत स्तर पर किया गया अपराध है।
हाईकोर्ट की सख्ती
11 मार्च 2025 को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया कि अगर सरकारी भर्ती प्रक्रिया में दिव्यांगता जैसे संवेदनशील विषय का दुरुपयोग कर नौकरी हासिल की जा रही है, तो यह समाज के प्रति अपराध है। कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन और पुलिस को निर्देश दिए कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
फिलहाल पुलिस ने संदिग्ध दस्तावेजों को जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। साथ ही, सभी आरोपियों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। पूछताछ के लिए कुछ लोगों को जल्द ही बुलाया जाएगा। जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या ये अभ्यर्थी अब किसी सरकारी विभाग में सेवा दे रहे हैं और अगर हां, तो उनकी नियुक्ति तत्काल प्रभाव से रद्द की जा सकती है।
यह मामला न केवल सरकारी व्यवस्था पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि दिव्यांगों के लिए बनाए गए आरक्षण जैसे मानवीय प्रावधानों का कुछ लोग कैसे दुरुपयोग कर रहे हैं। पुलिस की जांच से आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।
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