हरियाणा कैबिनेट ने हरियाणा सेवा का अधिकार नियम, 2014 के नियम 9 में संशोधन को मंजूरी दी
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 26 जून – हरियाणा मन्त्रीमण्डल की बैठकगुरुवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई, जिसमें हरियाणा सेवा का अधिकार नियम, 2014 के नियम 9 में संशोधन को मंजूरी दी गई।
वर्तमान नियम 9 के प्रावधानों के अनुसार, आयोग ऐसे मामलों में स्वतः संज्ञान ले सकता है, जहां नामित अधिकारियों/शिकायत निवारण प्राधिकरणों द्वारा निर्धारित समयावधि के भीतर आवेदन/अपीलों का निस्तारण नहीं किया गया हो और ऐसे आवेदन/अपीलों के निस्तारण में अनुचित विलंब हो। किसी भी त्रुटि या चूक पाए जाने पर आयोग इस संबंध में उचित आदेश पारित कर सकता है ।
संशोधन के पश्चात, आयोग स्वतः संज्ञान ले सकेगा, बशर्ते कि यदि किसी मामले में, अधिसूचित सेवा प्राप्त करने हेतु आवेदन प्रस्तुत करने से पूर्व, संबंधित विभाग के नामित अधिकारी/प्रथम शिकायत निवारण प्राधिकरण/द्वितीय शिकायत निवारण प्राधिकरण के समक्ष, कोई वाद न्यायालय में लंबित हो या संबंधित विभाग के पुनरीक्षण प्राधिकारी के समक्ष विचाराधीन हो, तो ऐसे मामलों में, जब तक न्यायालय या संबंधित पुनरीक्षण प्राधिकारी द्वारा अंतिम निर्णय नहीं लिया जाता, अधिनियम की धारा 17 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग आयोग द्वारा उक्त विभाग के नामित अधिकारी/प्रथम शिकायत निवारण प्राधिकरण/द्वितीय शिकायत निवारण प्राधिकरण के विरुद्ध नहीं किया जाएगा।
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