राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 18 मई को केरल दौरे पर, करेंगी सबरीमाला मंदिर के दर्शन
बाबूशाही ब्यूरो
नई दिल्ली/तिरुवनंतपुरम, 05 मई। : भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 18 मई से दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर केरल जाएंगी। इस यात्रा के दौरान वे राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थल सबरीमाला मंदिर के दर्शन भी करेंगी। राष्ट्रपति भवन से त्रवणकोर देवस्वोम बोर्ड को भेजे गए आधिकारिक नोटिस के अनुसार, राष्ट्रपति की यात्रा 18 मई को पाला स्थित सेंट थॉमस कॉलेज की जयंती समारोह में भाग लेने से शुरू होगी।
19 मई को करेंगी सबरीमाला मंदिर में दर्शन
राष्ट्रपति मुर्मू का 19 मई को पंपा पहुँचने और वहाँ से भगवान अय्यप्पा के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर जाने का कार्यक्रम है। यह यात्रा धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि यह पहली बार है जब राष्ट्रपति पद पर आसीन कोई महिला इस मंदिर में दर्शन के लिए जाएगी।
राष्ट्रपति के ठहराव और सुरक्षा प्रबंध
राष्ट्रपति के इस दौरे के दौरान उनके कोट्टायम और कुमारकोम में ठहरने की संभावना है। केरल सरकार को उनकी सुरक्षा, आवास और यात्रा की सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पुलिस बल की अतिरिक्त तैनाती की जाएगी और क्षेत्र में ड्रोन व सीसीटीवी निगरानी को भी तेज़ किया गया है।
सबरीमाला में तेज़ हुई तैयारियां
त्रवणकोर देवस्वोम बोर्ड ने राष्ट्रपति की यात्रा को ध्यान में रखते हुए मंदिर परिसर में भीड़ नियंत्रण के विशेष उपाय लागू कर दिए हैं। वर्चुअल क्यू सिस्टम को और सुदृढ़ किया गया है ताकि दर्शनार्थियों की संख्या को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सके। मंदिर 14 मई को एडवा महीने की पूजा के लिए खुल रहा है, और उससे पहले परिसर में साफ-सफाई, मरम्मत और सुरक्षा से जुड़ा कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है।
मंदिर अधिकारियों और पुलिस की सतर्कता
हालांकि मंदिर प्रशासन और पुलिस को पहले राष्ट्रपति की संभावित यात्रा की अनौपचारिक जानकारी दी गई थी, अब आधिकारिक कार्यक्रम की पुष्टि के बाद सभी व्यवस्थाएं अंतिम रूप में लाई जा रही हैं। उच्च स्तरीय सुरक्षा जांच, ट्रैफिक नियंत्रण और भीड़ प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
सबरीमाला मंदिर का धार्मिक महत्व
सबरीमाला मंदिर भगवान अय्यप्पा को समर्पित है और भारत के सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है। यह मंदिर पश्चिमी घाट की पर्वतीय श्रृंखला में स्थित है और यहां पहुंचने के लिए भक्तों को कठिन ट्रैकिंग करनी पड़ती है। मंदिर साल में कुछ विशेष अवसरों पर ही खुलता है और लाखों श्रद्धालु हर वर्ष यहां दर्शन के लिए आते हैं। यह स्थल अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और गहन धार्मिक आस्था के लिए जाना जाता है।
राष्ट्रपति की यह यात्रा न केवल एक उच्च स्तरीय राजकीय दौरा है, बल्कि यह केरल की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता को सम्मान देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
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