मनीमाजरा में चला अतिक्रमण पर प्रशासन का पीला पंजा
चंडीगढ़ प्रशासन की बड़ी कार्रवाई: 1.5 एकड़ भूमि से हटाया गया अतिक्रमण, 10 अवैध ढांचे ढहाए
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 2 जुलाई 2025।
चंडीगढ़ प्रशासन ने बुधवार को मनीमाजरा क्षेत्र में वर्षों से हो रहे अवैध कब्जों को हटाने के लिए अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया। इस कार्रवाई में प्रशासन ने 1.5 एकड़ सरकारी भूमि को मुक्त कराते हुए 10 अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया। यह भूमि वर्ष 1998 में सार्वजनिक उपयोग के लिए अधिग्रहित की गई थी, लेकिन समय के साथ इस पर गैर-कानूनी कब्जा जमाया गया था।
यह अभियान उप-मंडल मजिस्ट्रेट (पूर्व) की निगरानी में और स्थानीय पुलिस के सहयोग से शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। प्रशासन ने बताया कि इससे पहले संबंधित व्यक्तियों को नोटिस जारी कर स्वेच्छा से कब्जा हटाने के लिए समय दिया गया था।
प्रशासन ने कहा:
"यह कार्रवाई सरकार की उस नीति का हिस्सा है, जिसके तहत जनहित में अधिग्रहित भूमि को पुनः प्राप्त कर नियोजित विकास सुनिश्चित किया जाना है। अब यह भूमि शहर की स्वीकृत विकास योजनाओं के अनुसार सार्वजनिक उपयोग में लाई जाएगी।"
चंडीगढ़ प्रशासन ने पुनः अपील की है कि लोग अवैध कब्जों से दूर रहें और शहर के विधिसम्मत, साफ-सुथरे और योजनाबद्ध विकास में सहयोग करें।
प्रशासन व बिल्डिंग ब्रांच पर उठे सवाल
इस कार्रवाई के बाद स्थानीय लोगों ने नगर निगम व बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि जब ये अवैध निर्माण हो रहे थे, उस समय क्षेत्र के सुपरवाइज़र, एसडीओ, जेई और अन्य संबंधित अधिकारी क्या कर रहे थे?
लोगों का आरोप है कि या तो यह भ्रष्टाचार और सेटिंग का नतीजा है, या फिर अधिकारियों की घोर लापरवाही।
निगम और प्रशासन को हर साल अतिक्रमण हटाने के नाम पर जेसीबी, पुलिस सुरक्षा और अन्य संसाधनों पर करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं, लेकिन जिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण यह अतिक्रमण होता है, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती।
प्रशासन से यह भी अपेक्षा है कि न केवल अतिक्रमण हटाया जाए, बल्कि जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो।
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